वरिष्ठ सांसद और जदयू के बागी नेता शरद यादव ने नोटबंदी से अर्थव्यवस्था और समाज के विभिन्न वगो’ को हुये भारी नुकसान की भरपायी करने के केद्र सरकार से उसकी कार्ययोजना उजागर करने की मांग की है। नोटबंदी लागू करने के फैसले को आज एक साल पूरे होने पर विपक्षी दलों की ओर से आयोजित विरोध प्रदर्शनों को जायज ठहराते हुये यादव ने कहा कि सरकार ने खुद इस फैसले से जनता को परेशानी होने और आर्थिक विकास की दर धीमी पड़ने की बात को स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को अब यह बताना चाहिये कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को हुये भारी नुकसान की भरपायी के लिये उसके पास क्या योजना है। यादव ने कहा कि नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुयी है। उन्होंने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट आना और कृषि सहित छोटे तथा मंझोले उद्योगों का बंद होना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि 97 प्रतिशत नगदी कारोबार वाले देश में नोटबंदी का फैसला आत्मघाती साबित हुआ है।