नयी दिल्ली : कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि सरकार का भारतीय मध्यस्थ परिषद गठित करने का प्रस्ताव है जो वाणिज्यिक मुद्दों के वैकल्पिक विवाद निस्तारण में लगे संगठनों का वर्गीकरण करेगी। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा विदेशी निवेश आकर्षित करने के मद्देनजर वाणिज्यिक विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थ भरोसेमंद मंच प्रदान करना अनिवार्य है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विवादों के निस्तारण के वास्ते संस्थागत मध्यस्थता को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यस्थ एवं सुलह( संशोधन) विधेयक, 2018 को कल रात मंजूरी दी थी। उसके बाद प्रसाद का मंत्रालय वर्तमान बजट सत्र में विधेयक को संसद में ले जाएगा। प्रसाद ने बताया कि इन संशोधनों से उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित मध्यस्थता संस्थानों के माध्यम से मध्यस्थों की तीव्र नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा और संबंधित पक्ष को न्यायालय जाने की जरूरत नहीं होगी। संशोधन में भारतीय मध्यस्थ परिषद के गठन का भी प्रावधान है।
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