गुजरात में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पाटीदार समुदाय के नेता हार्दिक पटेल को लेकर कुछ ज्यादा ही सियासत गर्म हो गई है। बीजेपी उन्हें हर ओर से घेरने की पूरी कोशिश कर रही है और पाटीदार समुदाय को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है।
वही , पाटीदार नेता हार्दिक पटेल मंझधार में फंसे नजर आ रहे हैं। एक तरफ कांग्रेस ने पाटीदारों की आरक्षण मांग पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। वहीं दूसरी तरफ हार्दिक के करीबी लगातार बीजेपी के पाले में जा रहे हैं।
आपको बता दे कि इसी कड़ी में हार्दिक को भाजपा बड़ा झटका देने जा रही है। जल्द ही हार्दिक के पूर्व सहयोगी केतन पटेल भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसको लेकर दोनों ओर से बातचीत हो चुकी है। बस औपचारिक रूप से ऐलान करना बाकी है। इसके लिए सही समय का इंतजार किया जा रहा है।
वही , हार्दिक के लिए ये बड़ा झटका नहीं माना जा रहा है। लेकिन लगातार पाटीदार आरक्षण से जुड़े नेताओं का बीजेपी में जाना इस पूरे आंदोलन को कहीं न कहीं असर डालता दिखाई दे रहा है।
इससे पहले पाटीदार आंदोलन अनामत समिति ‘पीएएएस’ नेता चिराग पटेल भी हार्दिक का दामन छोड़ते हुए भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्हें गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता दिलाई गई थी।
बता दे कि भाजपा ने हार्दिक को हर तरीके से घेरने का शुरू तैयार कर लिया है। भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची में ही 15 पाटीदार नेताओं को टिकट दिया है। इसके अलावा OBC नेताओं पर भी दांव खेला है। पाटीदार समुदाय को अपने पक्ष में करने के लिए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को कमजोर करना बेहद जरूरी है।