गुजरात विधानसभा चुनाव जैसे जैसे करीब आ रहा है वैसे वैसे राजनितिक सरगर्मी बढ़ती ही जा रही है। आपको बता दे की गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को एक और करारा झटका लगा है। आज पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (PASS) संयोजक हार्दिक पटेल तथा कांग्रेस को झटका देते हुए पास संगठन की कोर कमेटी के सदस्य दिनेश बामनिया ने कहा कि कांग्रेस पाटीदार समाज को धोखा दे रही है जबकि हार्दिक चुप्पी साधे हुए हैं। हार्दिक पटेल के करीबी नेता और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के संयोजक दिनेश बामनिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दे की बामनिया से पहले भी कई पाटीदार नेता हार्दिक का साथ छोड़ चुके हैं।
Patidar leader Dinesh Bambhaniya resigns from Patidar Anamat Andolan Samiti (PAAS) (file pic) pic.twitter.com/nW1vcpHIJH
— ANI (@ANI) December 8, 2017
पास से इस्तीफा देने के बाद बामनिया ने हार्दिक और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने सीडी कांड को लेकर भी हार्दिक पटेल और कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने OBC कोटे में आरक्षण का वादा नहीं किया है।
दिनेश बामनिया ने कहा कि पाटीदार आरक्षण पर कांग्रेस और हार्दिक पटेल का रुख साफ नहीं है। इसके साथ ही हार्दिक पटेल का साथ छोड़ने वाले पाटीदार नेताओं की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। इससे पहले केतन पटेल, चिराग पटेल, वरुण पटेल और रेशमा पटेल हार्दिक पटेल का साथ छोड़ चुके हैं। बामनिया हार्दिक पटेल की कोर कमेटी के भी सदस्य थे। हार्दिक पटेल के साथ उन पर भी देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है।
वही चुनाव आयोग के निर्देश के बाद स्थानीय पुलिस ने हार्दिक पटेल के खिलाफ तय शर्तों को तोड़ने के मामले में केस दर्ज किया है। सूरत पुलिस ने शुक्रवार को यह कार्रवाई की है। मालूम हो कि हार्दिक राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा पर लगातार हमलावर रहे हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सीधे जुबानी हमला बोलते रहे हैं। आयोग की कार्रवाई से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
पाटीदार नेता ने जनक्रांति महारैली के लिए चुनाव अयोग से मंजूरी ली थी। कुछ शर्तों के साथ उनकी चुनावी सभा को अनुमति दी गई थी। लेकिन, उन पर इन शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। मामला संज्ञान में आने पर आयोग ने आगे की कार्रवाई करते हुए स्थानीय सरथना पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। इस पर अमल करते हुए उनके खिलाफ धारा 36, 134 और 72(2) के तहत मामला दर्ज किया गया। लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।