करनाल : अपनी मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहीं महिला अतिथि अध्यापकों ने अब देश के राष्ट्रपति को शपथ-पत्र पर लिखकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। 31 महिला अध्यापकों ने लघु सचिवालय स्थित तहसीलदार को अपना-अपना शपथ-पत्र सौंपा। इधर पिछले 6 दिनों से भूख हड़ताल पर रही मैना यादव की हालत भी लगातार बढ़ गई हैं। महिला अध्यापकों ने गेस्ट टीचरों को समान काम समान वेतन को लेकर यह कदम उठाया है। राष्ट्रपति से कहा गया है कि मांग पूरी करने के लिए बीती 11 फरवरी को मुख्यमंत्री के शहर में मैना यादव ने अपने पुत्र चिराग के साथ मुंडन करवाया था। लेकिन फिर भी इनकी मांग पूरी नहीं हुई। यदि सरकार महिलाओं की मांग पुरी नही करती तो वह अपना प्राण त्यागना चाहती है।
इसलिए उन्हें इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए। शपथ-पत्र में उन्होंने यह भी कहा है कि वह यह कदम बिना किसी दबाव अथवा लालच के उठा रहीं हैं। इसलिए रविवार को महिला टीचर मैना यादव के साथ सामूहिक मुंडन भी करवाएगी। मैना यादव को उनके साथी अध्यापक सहारा देकर लघु सचिवालय ले आए। मैना यादव की हालत लगातार बिगड़ रही है। लेकिन वो अस्पताल जाने से भी मना कर रही है। आज महिला अतिथि अध्यापकों ने कहा कि इस नौकरी के अलावा उनके पास गुजारा करने का कोई दूसरा साधन नही है। उनके बच्चे छोटे हैं और इतने कम पैसो में घर से कई किलोमीटर दूर नौकरी करते हुए कैसे उसका पालन पोषण कर सकती हैं। इसलिए उनके पास अपनी जान पर खेलने के इलावा कोई दूसरा विकल्प नही बचा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री उनकी जरा भी नहीं सुन रहे है। भाजपा सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा दे रही है। परंतु महिलाएं अपना मुंडन करने पर मजबूर हैं। यह शर्म की बात है। खुद मुख्यमंत्री ने ये वादा किया था कि निदेशक की रिपोर्ट तैयार होते ही सभी गेस्ट को समान काम समान वेतन दे दिया जाएगा। मगर खेद की बात है कि तीन महीने से भी ज्यादा का समय बीत चुका है। परन्तु गेस्ट टीचर को न तो समान काम समान वेतन देने बारे कोई घोषणा ही मुख्यमंत्री द्वारा की गई और न ही समान काम समान वेतन देने बारे कोई पत्र जारी हुआ।
अतिथि अध्यापक सीएम से दोबारा मीटिंग करने बारे और घोषणा करवाने बारे समय लेने के लिए तीन बार राजेश खुल्लर और सात बार ओएसडी अमरेन्द्र से मिल चुके है। लेकिन आज तक इन दोनों में से किसी ने भी मुख्यमंत्री से मीटिंग नही करवाई और न ही मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा का समय तह करवाया। जबकि 17 फरवरी की मीटिंग में खुद मुख्यमंत्री ने राजेश खुल्लर की ड्यूटी लगाई थी कि निदेशक की रिपोट तैयार होते ही मुझसे गेस्ट टीचर की दोबारा बैठक करवाना। जिसके बाद मैं समान काम समान वेतन देने बारे घोषणा करूंगा। इसलिए उन्होने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगी है।
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(हरीश चावला)