नारनौल : बीती शाम क्षेत्र में आये भयंकर व तूफान से बिजली के हजारों खंभों व पेड़ों के टूटने के समाचार है, वहीं नारनौल के साथ लगते गांव नसीबुपर में इसी तूफान के कारण उड़े एक टीनशेड में करीब 66 भेड़-बकरियों की मौत हो गई। जबकि ग्वाले सूझबूझ का परिचय देते हुए टीनशेड को उखाड़ता देखकर तुरंत इसके नीचे से भाग छूटे। दोनों ग्वालों ने समय रहते भागकर अपनी जान बचा ली। वहीं करीब एक दर्जन भेड़ बकरियों घायल भी हो गई। नसीबपुर गांव में वाटर वक्र्स के पास जिस स्थान पर इन भेड़ बकरियों की मौत हुई है, वह टीनशेड एक खेत में लगा था, जहां पहले कभी मुर्गी फार्म चलता था। जो अब बंद पड़ा हुआ है। बुधवार की शाम करीब पांच बजे क्षेत्र में भयंकर तूफान के साथ तेज बरसात व ओलावृष्टि शुरू हो गई।
इस ओलावृष्टि से भेड़ बकरियों को बचाने के लिए ग्वाले मोहर सिंह पुुत्र रामेश्वर व विक्रम पुत्र मोहर सिंह ने करीब दो सौ भेड़ बकरियों के रेवड को बंद पड़े इस मुर्गी फार्म के टीनशेड के नीचे रोक दिया। विक्रम व मोहर सिंह के अनुसार उन्हें भेड़ बकरियों को टीनशेड के नीचे रोके कुछ ही समय हुआ था कि इसी दौरान भयंकर तूफान में टीनशेड अचानक उडऩे लगा और दीवार सहित गिर पड़ा। उन्होंने बताया कि टीनशेड जैसे ही तूफान के झोके से उडऩे लगा तो उन दोनों ने भागकर अपनी जान बचाई अन्यथा वे भी इसके नीचे दब जाते।इस बारे में भेड़ बकरियों के मालिक मोहल्ला फ्रांसखाना के निवासी विक्रम पुत्र संतलाल ने बताया कि उसने करीब दो सौ भेड़ बकरियों पाली हुई है। अब खेतों में फसलों की कटाई होने के बाद खेत खाली पड़े हैं। इन भेड़ बकरियों को खाली खेतों में चराने के लिए दो ग्वाले रखे हुए हैं। विक्रम ने बताया कि बीती शाम जब ये ग्वाले भेड़ बकरियों को चरा कर वापस आ रहे थे तो शाम करीब पांच बजे क्षेत्र में भयंकर तूफान के साथ बरसात व ओलावृष्टि शुरू हो गई।
ग्वालों ने भेड़ बकरियों को ओलावृष्टि व तूफान से बचाने के लिए टीनशेड के नीचे रोका था तो उस दौरान यह हादसा हो गया। भेड़ बकरियों के मालिक ने सुबह इस घटना की सूचना चिकित्सा विभाग व पुलिस को दी। सूचना पाकर सुबह अल सुबह छह बजे ही पशु चिकित्सक डा.महेंद्र सिंह ने मौके का निरीक्षण किया। इस बाद नारनौल पुलिस ने भी घटना स्थल पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली। दूसरी तरफ इस मामले में भेड़ बकरियों के मालिक विक्रम सिंह ने नारनौल के विधायक ओमप्रकाश यादव से मिलकर बताया कि इस हादसे में उसे करीब सात लाख रुपये का नुकसान हो गया है। उसने विधायक से मांग की है कि उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है तथा इन्हीं भेड़ बकरियों से उसकी आजीविका चलती थी। इसलिए मुख्यमंत्री के विशेष कोष से उसके नुकसान की भरपाई करवाई जाये। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में जिला उपायुक्त से भी मिला जाएगा तथा रेडक्रास से मदद की गुहार की जाएगी।
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– रामचन्द्र सैनी