फरीदाबाद : पलवल में रहने वाले कुछ प्रोपर्टी डीलरों से जमीन बेचने का झांसा देकर एक अधिवक्ता से 92 लाख 50 हजार रुपये ले लिए। लेकिन बाद में रजिस्टरी करवाने के नाम पर आनाकानी करने लगे। पीडि़त व्यक्ति द्वारा जमीन पर निर्माण कार्य करने पर अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर बताया कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है। मामले का पता चलते ही पीडि़त व्यक्ति ने पुलिस को शिकायत दे दी। थाना सेन्ट्रल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक पलवल की औमेक्स सिटी में रहने वाले दानबीर सिंह ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा है कि वह पेशे से वकील है और सेक्टर 12 स्थित अदालत में प्रैक्टिस करते है। कुछ समय पहले उसने पलवल में राष्ट्रीय राजमार्ग के नजदीक कुछ जमीन खरीदने की योजना बनाई थी। उसकी दौरान उसकी मुलाकात पलवल में ही रहने वाले प्रवीण छावड़ा और संदीप कुमार से हो गई। वह इन दोनों की दुकान पर अक्सर जाता रहते थे। उसी दौरान इन दोनों ने बताया कि उनके परिचित अशोक वत्तरा की राष्ट्रीय राजमार्ग पर जमीन है, यदि वह चाहे तो कम कीमत पर उन्हें दिलवा सकते है। जिसके बाद इन दोनों ने अशोक बत्तरा को बुला कर जमीन दिखा दी।
जमीन देखते ही उन्हें पसंद आ गई। जिसके बाद यह तीनों अदालत परिसर में उनकी सीट पर पहुंच गए। जहां अन्य दो अधिवक्ताओं की मौजूदगी में उन्होंने इन तीनों से जमीन को खरीदने का सौदा 92 लाख 50 हजार रुपये में तय कर लिया। उसी समय उन्होंने तीनों को 20 लाख रुपये का चेक दे दिया। कुछ दिनों बाद उन्होंने तीनों को साढ़े नौ लाख रुपये देकर जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। निर्माण के दौरान ही उन्होंने तीनों को बाकी के 63 लाख रुपये नकद दे दिए। तीनों ने जल्दी ही रजिस्टरी करवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन बाद में तीनों रजिस्टरी करवाने के नाम पर आनाकानी करने लगे।
इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्य पर करीब 30 लाख रुपये भी खर्च कर दिए। एक दिन जमीन पर कुछ अधिकारी पहुंचे और पूछताछ करने लगे। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि उन्होंने यह जमीन प्रवीण, संदीप और अशोक बत्तरा से खरीदी है। अधिकारियों ने बताया कि यह जमीन तो वक्फ बोर्ड की है। उन्होंने वक्फ बोर्ड के कार्यालय में जाकर पूछताछ की तो उसे धोखाधड़ी का पता चला। जिसके बाद उन्होंने आरोपियों से रुपये लौटाने की मांग की। लेकिन आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगे। परेशान होकर उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।