करनाल : भाजपा के जिलाध्यक्ष जगमोहन आनंद ने इनैलो नेता तथा नगर निगम के डिप्टी मेयर मनोज वधवा द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर उनके भाई की मौत को साजिश बताने वाले ब्यान को साजिश से लबरेज बताते हुए कहा कि उन्होंने राजनीतिक महत्वकांक्षा के चलते ही ऐसे आरोप जड़े जबकि मनोज वधवा द्वारा लगाए गए आरोपो से सी.एम का दूर तक भी लेना देना नहीं है। मुख्यमंत्री करनाल के मुखिया होने के नाते तथा सनातनी धर्म के चलते मनोज वधवा के घर दो बार उनके भाई की मौत पर दुख प्रकट करने पहुंचे थे। लेकिन चुनाव नजदीक आते ही मनोज वधवा ने इसको षडयंत्र करार देते हुए राजनीतिकरण कर दिया। पी.डब्लयू.डी विश्राम गृह में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें भी मनोज वधवा के भाई की मौत का दुख है। लेकिन इस घटना को राजनीति से जोडऩा तथा सी.एम पर गंभीर आरोप लगाना औछी राजनीति को दर्शाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यक्रमो में भी मनोज वधवा कई बार नजर आएं। वह कई बार मुख्यमंत्री को मिलने चंडीगढ़ भी गए। उन्होंने यह कहा कि उच्च न्यायालय ने मनोज वधवा के पिता और अन्य को अंतरिम जमानत दी है। बल्कि उन्हें क्लीन चिट नहीं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ईमानदारी और अच्छे संबंधो को इस तरह से राजनीति में बुलाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि साढ़े 8 महीने बीत जाने के बाद ऐसे गंभीर आरोप लगाना भला कहां तक तर्कसंगत है। चुनाव वह पहले भी लड़े थे और अब भी लड़ लें। भाजपा ने उन्हें रोका नहीं है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान पैसे उनके पकड़े गए थे। कानूनी प्रक्रिया अमल में लाई गई थी। उनके कहने पर डी.एस.पी के तबादले तक किए गए। लेकिन मुख्यमंत्री के ऊपर यह आरोप लगाना कि उन्हें डी.एस.पी कहां-कहां है का पता नहीं है। यह बात भला मुख्यमंत्री कैसे बता सकते है।
क्योंकि मुख्यमंत्री किसी भी मामले को लेकर जिले के डी.सी और एस.पी से बातचीत करते है। लेकिन नगर निगम के चुनाव नजदीक आने के कारण मनोज वधवा जानबूझकर भाजपा ही नंही बल्कि इनैलो पर भी दबाव बना रहे है। क्योंकि कल पत्रकारवार्ता के दौरान उनके जिलाध्यक्ष समेत कई नेता वहां मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें लगता है कि पुलिस अधिकारी दोषी है तो वह न्यायालय जा सकते है। जब अब पूरा मामला न्यायालय में विचाराधीन है तो सी.एम पर आरोप लगाना पूरी तरह से बेमानी बात है। सी.एम का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
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– चावला