करनाल : प्रदेश की कई हजार आशा वर्करों ने 1 फरवरी को हुए समझौते को लागू करवाने की मांग को लेकर करनाल में डेरा डाल दिया है। प्रदेश के तमाम कोनों से पहंची आशा वर्कर्स में सरकार के रवैये को लेकर भारी रोष है कि बड़े शर्म की बात है कि 6 महीने बाद भी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। वहीं यूनियन के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत में उपायुक्त करनाल की चंडीगढ़ में हुई बातचीत के आधार पर अतिरिक्त उपायुक्त व एसडीएम करनाल ने कहा कि वित विभाग से फाईल अप्रुव हो गई है।
संभवत: कल ही नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। वर्करों ने करनाल मे ही डेरा जमा लिया है व फैसला किया की नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही करनाल से जाएंगे। सीटू व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से संबंधित आशा वर्कर्स यूनियन के नेतृत्व में यह आन्दोलन चल रहा है। यूनियन की राष्ट्रीय नेता रंजना नरूला, राज्य अध्यक्ष प्रवेश व महासचिव सुरेखा ने कहा कि आशा जनवरी महीने में 16 दिन तक आंदोलन में रहीं थी और एक फरवरी को आशाओं के फिक्स मानदेय में 3000 की बढ़ौतरी, प्रोत्शाहन राशियों में बढ़ौतरी के साथ-साथ अन्य कई मांगों पर सहमति के बाद हड़ताल वापिस ली गई थी।
इस समझौते को सरकार ने जून तक लागू नहीं किया गया। जिसे लागू करवाने के लिए आशा वर्कर्स 7 जून से फिर हड़ताल पर चली गई। 15 जून को हड़ताल के दौरान सरकार ने मिनटस जारी करके समझौता लागू करने की बात की व यूनियन से हड़ताल लेने की अपील की। हड़ताल इस अनुरोध पर वापिस ले ली गई परन्तु एक महीने के बाद फिर यही हालात हैं। महापड़ाव को सीटू के प्रदेश अध्यक्ष सतबीर सिंह, सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव सुभाष लांबा, सीटू कार्यकारी अध्यक्ष विनोद कुमार, महासचिव जयभगवान, सचिव आनंद शर्मा, जगपाल राणा, यूनियन नेताओं सुनीता, अनिता, रानी, मीरा, सुधा, नीलम, शर्बजीत, कमलेश एस के एस नेता कृष्ण शर्मा, सतपाल सैनी, सुशील गुज्जर आदि ने संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि सरकार का आशाओं के प्रति यह रूख बेहद गैर जिम्मेदाराना है। सरकार के स्वास्थ्य मंत्री व विभाग के तमाम बड़े अधिकारियों ने मांगों पर समझौता किया था। 6 महीने के बाद भी उसका नोटिफिकेशन जारी नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है। दूसरी तरफ 20000 बेटियां संडक़ों पर हैं उनकी कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार नाटिफिकेशन जारी करे वरना यह आन्दोलन और विस्तार लेगा।
– हरीश चावला