गुरमीत राम रहीम की इस बार दिवाली रोहतक की सुनारिया जेल की सलाखों के पीछे अंधेरे में गुजरी। जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक गुरमीत राम रहीम दिवाली के दिन परेशान नजर आया। उसने न तो दिवाली के मौके पर कोई दिया जलाया और न ही जेल प्रशासन द्वारा दी गई मिठाई खाई।
सूत्रों के मुताबिक गुरमीत राम रहीम पटाखों की गूंज से रात भर सो नहीं पाया और उसकी पूरी रात बेचैनी में गुजरी। गौरतलब है कि जेल प्रशासन सभी बंदियों और कैदियों को दिवाली के मौके पर मिठाई बांटता है। गुरमीत राम रहीम को भी खाने को मिठाई दी गई, लेकिन उसने नहीं खाई। वैसे दिवाली से चार दिन पहले गुरमीत राम रहीम का परिवार उसे जेल में मिठाई देकर गया था, जो उसने जरूर खाई।
गुरमीत राम रहीम को दिवाली के मौके पर दिए जलाने का कितना शौक था। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने 23 सितंबर 2016 को 1531 प्रतिभागियों के साथ मिलकर 1.5 लाख दिए जला कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया था। हालांकि अब इस रिकॉर्ड को उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को सरयू नदी तट पर 1.7 लाख दिए जला कर तोड़ दिया है।
गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम दिवाली बड़े हर्षोल्लास से मनाता था। वह दिवाली के दिन खास ड्रेस पहनकर बाहर निकलता और दर्जनों लड़कियां थाल में दिए जलाएं उसका स्वागत करतीं, लेकिन धर्म की आड़ में किए गए अनैतिक कार्यों ने न केवल उसकी दिवाली ही काली कर दी। बल्कि 20 साल तक उसके जीवन में भी अंधेरा कर दिया। अब उसे दिवाली के मौके पर की गई रंगीनियां हमेशा सालती रहेंगी।