सोनीपत : ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चल रहे 21वें कॉमनवेल्थ खेलों के नौवें दिन भारत ने स्वर्ण पदक से शुरुआत करते हुए कुश्ती में सोनीपत के पहलवान बजरंग पूनिया ने 65 किग्रा भार वर्ग फ्री स्टाइल कैटेगिरी में भारत को एक और स्वर्ण दिला दिया। पुरुष वर्ग में बजरंग पूनिया ने 65 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग में वेल्स के कैन कैरिग को 10-1 से धोकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया वही सोनीपत के ही पहलवान मौसम ने देश को रजत पदक दिलाया। बजरंग के गोल्ड जीतने से उनके घर खुशी का माहौल है। बजरंग के माता पिता का कहना है कि जब तक ओलम्पिक में गोल्ड मैडल नहीं जीतता तब तक कोई जीत मायने नहीं रखती।
कामनवेल्थ खेलो मे इस बार भी कुश्ती का जादू सर चढकर बोल रहा है। सुशील कुमार से लेकर हरियाणा के पहलवानो ने देश के लिए पदको की झडी लगा दी। नोवे दिन पहलवानो ने दमदार शुरूआत करते हुए देश को सोना दिलाया। सोनीपत निवासी पहलवान बजरंग पुनिया ने पुरुष वर्ग में बजरंग पूनिया ने 65 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग में वेल्स के कैन कैरिग को 10-1 से धोकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया तो वही सोनीपत के पांची गाव निवासी मोसम पहलवान ने जोर आजमाईश की। 97 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग में मौसम खत्री फाइनल में पहुचे हालाकि दक्षिण अफ्रीका के मार्टिन एरसमस से 12-2 से हार गए और उन्हें रजत पदक देश की झोली मे डाला।
बजरंग के गोल्ड जीतने पर सोनीपत मे खुशी का माहोल है व उनके घर पर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है। अपने बेटे की जीत पर मा बाप फूले नही समा रहै व उनका अब यही सपना है कि बजरंग ओलमपिक मे भी देश को सोना दिलाए। वही बजरंग की भाभी भी देवर की जीत से गदगद है व उनका कहना है कि परिवार मे सभी जीत से खुश है बजरंग का ही नही हमारा भी सपना था कि वो गोलड जीतकर लाए। पहलवानो ने देश को पदक दिलाकर एक बार फिर साबित कर दिया कि गाव देहातो तक खेली जाने वाली कुशती अब खेलो मे देश की सिरमौर है व हमारे पहलवान सब पर भारी है बजरंग की जीत के साथ ही अब तक भारत के पदकों की संख्या 38 हो गई है. इसमें 17 स्वर्ण, 9 रजत और 12 कांस्य पदक शामिल है।
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