गुरुग्राम: भारतीय किसान यूनियन की ओर से किसानों की मुख्य मांगों को लेकर शनिवार को गुरुग्राम के एडीसी प्रदीप दहिया को भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। राष्ट्रीय सचिव पुष्पा धनखड़ की अध्यक्षता में सुबह 7 बजे झाड़सा स्थित छोटू राम भवन में दीपबन्धु सर छोटू राम की प्रतिमा पल माल्यार्पण भी किया गया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलविन्द्र सिंह बाजवा व राष्ट्रीय महासचिव स्वामी इन्द्र ने बताया कि इस कियान यात्रा को 28 जुलई को फरीदाबाद से राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. ऋषि पाल अबावता ने यात्रा को रवाना किया। यह किसान यात्रा 10 दिन में पूरे हरियाणा प्रदेश के किसानों की मांगों को भारत के महामहिम राष्ट्रपति के नाम मांग पत्र सभी जिलो के जिलाधिकारी को देगी और 6 अगस्त को चडिगढ मे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को मांग पत्र देकर उनको किसानों से किए वादे याद दिलायेगी।
अगर हरियाणा सरकार मांग पूूरी नही करती तो प्रदेश के सभी 6 किसान संगठन 9 अगस्त से 15 अगस्त तक जेल भरो अदोलन करेगें। यात्रा मे हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी शमशेर दहिया ने कहा की आज हरियाणा का किसान सरकार की गलत नीति और नियत के कारण कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है। हरियाणा की बीजेपी सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि प्रदेश मे हमारी सरकार बनेगी तो हम पहली कलम से स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करेगें। लेकिन सरकार सता में आते ही सभी किसानों से किये वादे भूल गई। हरियाणा के किसान को लग रहा है कि हमारे साथ धोखा हुआ है।
प्रवक्ता अतर सिहं सन्धु ने यूनियन की मांगों पर अपना पक्ष रखा और बताया कि पूरे हरियाणा के किसानों को कर्जामुक्त किया जाए क्योकि यह कर्जा सरकार की गलत नीतियों के कारण हुआ है, प्रदेश की हर फसलों का मूल्य लागत मे 50 प्रतिशत लाभ देकर न्यूनतम मूल्य तय किया जाये, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1 जनवरी 2014 के सैक्शन 24/2 के तहत सभी किसानो की अधिग्रहित जमीन दौबारा रवैन्यू रिकॉर्ड मे दर्ज की जाये, दो एकड़ व उससे कम के किसानो को बीपीएल की श्रेणी मे लाया जाये क्योंकि दो एकड़ से नीचेे का किसान गरीबी रेखा से निचे आ चुका है। हरियाणा प्रदेश की महिला ईकाई की अध्यक्ष सालिनी महता ने कहा की हरियाणा प्रदेश एक किसान प्रदेश है किसान सब का पेट भरता है और किसान खुद भिखारियों की तरह जीवन यापन कर रहा है। इस मौके पर महिला प्रदेश अध्यक्ष सालिनी महता, गुरूग्राम अध्यक्ष सुखबीर सिंह, सोमबीर आर्य, बलवान सिंह दहिया, डा प्रेमपाल सिंह एवं अन्य किसान मौजूद थे।
– एमके अरोड़ा