हरियाणा सरकार द्वारा प्राईवेट बसों को कथित तौर पर रूट परमिट जारी किये जाने के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों ने आज हिसार और हांसी में सरकारी बसों का चक्का जाम कर दिया और बस डिपो में धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रोडवेज कर्मियों ने सभी बसें बस डिपो में और वर्कशॉप में खड़ी कर विरोध प्रदर्शन किया। रोडवेज कर्मचारियों की आठ यूनियनें गत कई महीनों से प्राइवेट बसों को रूट परमिट दिए जाने के विरोध में लगातार आंदोलन कर रही हैं।
कर्मचारी यूनियन के प्रधान विजयपाल ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार ने उनके साथ 13 अप्रैल और 13 मई को कथित तौर पर समझौता किया था जिसमें प्राइवेट बस परमिट नीति रद्द करने तथा पहले से चल रही रोडवेज बसों के रूटों पर प्राइवेट बसों के परमिट जारी नहीं करने का भरोसा दिया गया था लेकिन सरकार ने कथित तौर पर वादा खिलाफी करते हुए नई नीति रद्द नहीं की और रोडवेज के निजीकरण की कवायद में उन रूटों पर प्राइवेट परमिट जारी कर दिये गये जिन पर रोडवेज की बसें चलती थीं।
सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान कुलदीप सिंह ने कहा कि सरकार परिवहन विभाग का निजीकरण करना चाहती है जिसे रोडवेज कर्मचारी कदापि नहीं होने देंगे। उन्होंने सरकार से रोडवेज बेड़े में 10 हजार नई बसें शामिल करने तथा जल्द से जल्द चालक और परिचालकों की भर्तियां करने की मांग की।