अम्बाला : हरियाणा के स्वास्थ्य, खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री अनिल विज को पद से बर्खास्त करने एवं उनके भतीजे गौरव विज के विरूद्ध दर्ज जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले की निष्पक्ष जांच हेतु कांग्रेस पार्टी विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर आ गई। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त सदस्य एवं प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की अगुवाई में विरोध जुलूस अम्बाला छावनी की सड़कों पर निकाला गया। बाद में हरियाणा के राज्यपाल महामहिम प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी के नाम एक ज्ञापन अम्बाला छावनी के उपमंडल अधिकारी सुभाष सिहाग को सौंपा गया।
इससे पूर्व अम्बाला छावनी के कांग्रेस भवन में सुबह से ही कांग्रेसियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की अगुवाई में कांग्रेस भवन से शुरू हुआ विशाल रोष मार्च अम्बाला छावनी के मुख्य बाजारों गुड़ बाजार, बजाजा बाजार, चौड़ा बाजार, हनुमान मार्किट, पुरानी सब्जी मंडी, सदर बाजार और रेलवे रोड से होता हुआ एसडीएम कार्यालय अम्बाला छावनी में जाकर समाप्त हुआ। रोष मार्च में समस्त कांग्रेसी हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। कांग्रेस के झंडों एवं भाजपा विरोधी नारे लिखी तख्तियां कार्यकर्ताओं ने हाथ में ले रखी थी। सभी कार्येकर्ताओं ने अम्बाला छावनी में मंत्री अनिल विज के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला।
बाद में निर्मल सिंह ने हरियाणा के राज्यपाल के नाम एसडीएम को दिए ज्ञापन में स्वास्थ्य मंत्री अनिल के भतीजे गौरव विज की ओर से किये गए भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के खिलाफ दर्ज मामले का खुलासा किया। ज्ञापन में बताया कि आरोपी गौरव विज के विरूद्ध हरियाणा के अम्बाला शहर के बलदेव नगर थाना में धारा 420, 465, 467 , 468, 120बी जालसाजी एवं धोखाधड़ी की साजिश रचने इत्यादि का मामला 12 दिसम्बर 2017 को दर्ज किया गया था लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के राजनैतिक दवाब के चलते पुलिस ने इस मामले में सही ढंग से और निष्पक्ष रूप से कारवाही नहीं की। इस केस में हरियाणा पुलिस ने राजनैतिक दबाव के चलते मुजरिमों को बिना जांच किये ही क्लीनचिट दे दी।
हरियाणा पुलिस की ओर से पीडि़त व्यक्ति को इंसाफ नहीं दिला पाने के कारण उक्त पीडि़त व्यक्ति ने इस मामले में मजबूरन पंजाब पुलिस की शरण ली। तब उसका यह मामला कहीं जा कर पंजाब में दर्ज हो पाया। ऐसी स्थिति में धोखाधड़ी और जालसाजी के इस मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इस मामले में खुले रूप से सामाजिक एवं लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन हुआ है। अंत में काग्रेस पार्टी ने राज्यपाल से गुहार की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए स्वास्थ्य मंत्री को उनके पद से तुरंत बर्खास्त करने के साथ-साथ इस मामले में स्वयं हस्तक्षेप करके आरोपी गौरव विज के विरूद्ध कार्यवाही के लिए सरकार को आवश्यक निर्देश जारी करेें क्योंकि अनिल विज के मंत्री पद रहते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी के विरूद्ध निष्पक्ष कार्यवाही संभव नहीं है।
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(राजेन्द्र भारद्वाज)