चंडीगढ़: वरिष्ठ कांग्रेस नेता व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार द्वारा दादूपुर नलवी नहर परियोजना को रद्द करने के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए इसे किसान विरोधी व जनविरोधी फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान यह गलत फैसला स्वीकार नहीं करेंगे और कांग्रेस पार्टी किसानों की इस लड़ाई में उनके साथ है। श्री सुरजेवाला ने कहा कि सरकार के इस तुगलकी फैसले से अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र जिलों के 225 गांवों की लगभग एक लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के संसाधनों से वंचित होना पड़ेगा, जो कि भाजपा के किसानविरोधी रवैये का एक मुंह बोलता उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के इस फैसले से एक बार फिर सिद्ध हो गया है कि उसे गरीबों और किसानों के सरोकारों से कोई लेना देना नहीं है। याद दिलाया कि दादूपुर नलवी सिंचाई योजना 1985 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा शुरु की गई थी। अक्टूबर, 2005 में कांग्रेस ने ही एक बार फिर से इस योजना का नया चरण चालू किया और किसानों को सिंचाई उपलब्ध करवाने के लिए शाहबाद फीडर, शाहबाद डिस्ट्रीब्यूटरी और नलवी डिस्ट्रीब्यूटरी के लिए 1019 एकड़ जमीन को अधिग्रहित किया गया। जमीन अधिग्रहण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक लगभग 200 करोड़ रु. भुगतान किए जा चुके हैं।
इसके अलावा सिंचाई विभाग द्वारा इन नहरों को बनाने में 111 करोड़ 17 लाख रु. खर्च किए जा चुके हैं। 300 करोड़ रु. से ज्यादा खर्च करने के बाद इस महत्वपूर्ण परियोजना को रद्द करने से खट्टर सरकार की किसान विरोधी मानसिकता का पता चलता है। यह बेहद आपत्तिजनक और गलत फैसला है, जिसका कांग्रेस पार्टी हर स्तर पर विरोध करेगी। किसानों से जुड़ा एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा उठाते हुए श्री सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार का रवैया किसानों के प्रति उदासीन है और लगातार ध्यान दिलाए जाने के बावजूद भी प्रदेश सरकार द्वारा बाजरा की खरीद शुरु नहीं की गई है।
जिसके कारण किसानों को बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1425 रु. प्रति क्विंटल से कहीं कम 1000-1100 रु. प्रति क्विंटल बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है, और इसके लिए सरकार का किसान विरोधी रवैया सीधे रूप से जिम्मेदार है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अभी तक पूरे प्रदेश की मंडियों में 50 प्रतिशत से अधिक बाजरा बिक चुका है। श्री सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार की अनुभवहीनता और अपरिपक्वता का नुकसान पूरे प्रदेश की जनता झेल रही है। प्रदेश में युवा, किसान, मज़दूर, कामगार, दुकानदार, कर्मचारी, व्यापारी आदि सभी वर्ग खट्टर सरकार से पूरी तरह निराश हैं और भाजपा सरकार से छुटकारा पाने के लिए चुनाव का इंतजार कर रहे हैं।
(आहूजा)