हथीन: इंसान पेसै की चमक की चकाचौंद के आगे कितना गिर सकता है, इसका प्रत्यक्ष उदारहण मंगलवार को हथीन के इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित एक दवा कम्पनी में उस समय देखने को मिला जब स्वास्थय विभाग की टीम ने छापा मारा तो रहस्य खुला कि दवा कम्पनी द्वारा दवा के नाम पर बनाया जा रहा था मौत का सामान। कथित रूप से एक्सपायारी डेट की दवाईयों के लेवल हटाकर दूसरी कम्पनी के नए लेवल लगाए जाने का इस कम्पनी में काम हो रहा था। यह देख स्वास्थय विभाग की छापामार टीम हैरान रह गई। देखने में ही नहीं दवा कम्पनी नहीं बल्कि कबाडघर लग रहा था। जगह जगह गंदगी व पैकिंग रेपर से भरे हुए प्लास्टिक के कटटे व कार्टून आदि के ढेर लगे हुए थे। उक्त दवा कम्पनी में 10-15 अनपढ महिलाएं काम कर रही थीं, तो कोई वर्कर इंजैक्शन तैयार कर रहा था। छापा फरीदाबाद के सीनियर ड्रग इंस्पैक्टर करण सिंह गोदारा और पलवल के ड्रग इंस्पैक्टर डा. रजनीश धारीवाल तथा हथीन के मैडीकल ऑफिसर डा. ललित के नेतृत्व में मारा गया।
कम्पनी में न तो कोई मैनेजर मिला और न ही कोई सुपरवाइजर व फार्मेसिस्ट। मात्र एक गार्ड के सुपरविजन में ही कम्पनी चलती हुई मिली। फरीदाबाद के सीनियर ड्रग इंस्पैक्टर डा. करण सिंह गोदारा ने बताया कि इस कम्पनी के पास केवल आई ड्रोप और इंजैक्सन बनाने का लाईसैंस हैं, जबकि यहां पर अन्य वे दवाईयां भी बरामद हुई हैं, जिन्हें बनाने की कम्पनी को परमिशन नहीं हैं। भारी मात्रा में दूसरी दवाओं के लेवल, रेपर, पैकिंग व कार्टूंन मिले हैं। उन्होंने बताया कि तीन दवाओं मल्टी विटामिन इंजैक्सन, ट्रामाडोल इंजैक्सन और आईड्रोप के सैंपल लिए गए हैं, जिन्हें सील कर लिया गया है और जांच के लिए चण्डीगढ भेजा जाएगा। छापामार कार्यवाही प्रात: करीब सवा 11 बजे शुरू हुई और देर सांय समाचार भेजे जाने तक कार्यवाही जारी थी। सीनियर ड्रग इंस्पैक्टर डा. करण गोदारा ने बताया कि कम्पनी को सील किया जाएगा तथा सैम्पलों की रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कम्पनी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
– माथुर