सिरसा (हरियाणा) : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को बलात्कार के दो मामलों में 20 साल की जेल की सजा मिलने के बाद यहां पंथ मुख्यालय से जा रहे अनुयायियों ने मिश्रित प्रतिक्रियाएं दीं। तीन साल से डेरा मुख्यालय में काम करते आ रहे 51 साल के फतेह सिंह ने कहा कि फैसले के बाद उनकी गुरूजी में आस्था नहीं रही। मंगलवार को पंथ मुख्यालय से निकले डेरा अनुयायी सिंह ने आरोप लगाया, डेरा मुख्यालय के कर्मचारी मुझे जाने नहीं दे रहे थे लेकिन मैं किसी तरह निकल आया। आज मैं पंजाब में अपने पैतृक स्थल पर जा रहा हूं। हालांकि एक दूसरे अनुयायी कुलबीर सिंह ने कहा कि डेरा अनुयायी गुरूजी से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं।
मेरी उनमें पूरी आस्था है। मंगलवार को मुख्यालय से निकले 70 साल के अलमत ने कहा कि डेरा प्रमुख पर लगे आरोपों ने उन्हें हैरान कर दिया था। अलमत 17 साल से डेरा मुख्यालय में रह रहे थे। राम रहीम को दोषी करार दिए जाने से पहले उनके साथ एकजुटता दिखाने के लिए डेरा मुख्यालय आए बहुत सारे अनुयायी अब वहां से निकल चुके हैं। अधिकारियों के अनुसार इस समय डेरा मुख्यालय में केवल 200 अनुयायी बचे हैं जिनमें से अधिकतर वहां रोजगाररत हैं। प्रशासन का कहना है कि इलाके में कानून व्यवस्था कायम है। 25 अगस्त को पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम को दोषी करार दिया था जिसके बाद हुई हिंसा में छह डेरा अनुयायी मारे गए और 60 अन्य घायल हो गए थे।