गुरुग्राम: नगर निगम द्वारा गुरुग्राम को एक विश्वस्तरीय नगर बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इस कड़ी में आज इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ पब्लिक एडमिनस्ट्रेशन (आईआईपीए) द्वारा नगर निगम अधिकारियों को एक प्रजैंटेशन दी गई और बताया गया कि गुरुग्राम को और अधिक बेहतर बनाने के लिए किन-किन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। सैक्टर-34 स्थित नगर निगम कार्यालय में निगमायुक्त वी. उमाशंकर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बताया गया कि आईआईपीए द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार गुरुग्राम भारत के सर्वाधिक उत्पादन शहरों मे से एक है, जो दुनिया के ऐसे 100 शहरों में 30 वां स्थान रखता है और 2030 तक 11वें स्थान पर पहुंचना संभावित है। गुरुग्राम को एक विश्वस्तरीय नगर बनाने का संकल्प नगर निगम द्वारा लिया गया है। इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने गुरुग्राम को स्मार्ट सिटी के रूप में चिन्हित किया है।
अध्ययन में 5 विषयों को सम्मलित किया गया है, जिसमें गुरुग्राम नगर निगम द्वारा संसाधन जुटाना, संपत्ति कर एकत्रित करना, पारंपरिक जल संसाधनों का पुनरूद्धार, वृक्षारोपण, बेहतर यातायात प्रबंधन शामिल है। आईआईपीए के कार्डिनेटर डा. के के पांडे ने प्रजैंटेशन के माध्यम से बताया कि गुरुग्राम नगर निगम अपने राजस्व संग्रह और संपत्ति के रखरखाव में विशेष कदम उठा रहा है। गत वित्त वर्ष में लगभग 300 करोड रूपए का राजस्व केवल प्रोपर्टी टैक्स से प्राप्त हुआ है और वर्तमान वित्त वर्ष में इस आंकडे के बढऩे की संभावना है। निगम क्षेत्र में 3 लाख 73 हजार प्रोपर्टी को चिन्हित किया जा चुका है और अन्य बचें भवन व प्रोपर्टी को जीआईएस के माध्यम से अपडेट किया जा रहा है। अधिकतर संपत्तियों को सूचिबद्ध करने के प्रयास किए जा रहे है। अध्ययन में पाया गया कि गुरुग्राम में अब नागरिक सहभागिता के प्रयास शुरू किए गए हैं जिन्हें आगे बढाने की संभावनाएं हैं।
बसई जोहड़ के जीर्णोद्धार के लिए सक्रियता निभाई गई है। उन्होंने बताया कि नगर निगम को अपनी जमीन और अन्य संसाधन की सूची तैयार करनी आवश्यक है इससे संसाधनों के नए अवसर प्राप्त होंगे। इसके साथ ही, सड़कों, नालियों की व्यवस्था और पानी की निकासी का विस्तृत प्लान बनाया जाएगा, जिनमें नए शामिल क्षेत्रों को भी लिया जाएगा। उन्होंने सुझाव दिया कि निगम द्वारा एक विस्तृत ोबिलिटी प्लान बनाया जाए, जिसमें सार्वजनिक परिवहन का इंटिग्रेटिड मल्टीमोडल शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि पैदल यात्रियों, वरिष्ट नागरिकों और दिव्यांगों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए। स्काई वॉक, अंडरपास, ओवर ब्रिज, साइकिल व पैदल यात्रियों के लिए अलग से ट्रैक आदि की व्यवस्था की जाए। सड़कों का रखरखाव, पानी का निस्पादन और अंडर ग्राउंड जल संसाधनों को बचाने के प्रयास किए जाए। जल भराव से निपटने के लिए कदम उठाने आवश्यक हैं। इस मौके पर अतिरिक्त निगमायुक्त अमित खत्री, चीफ इंजीनियर एम आर शर्मा, एसई सुभाष भांभू, एसटीपी सुधीर चौहान, एक्सीएन विकास मलिक व अजय निराला उपस्थित थे।
– सतबीर, अरोड़ा