गुरुग्राम: साइबर सिटी में उस वक्त कोहराम मच गया जब एक अस्पताल में लगी आग के बाद मरीज चिल्ला रहे थे। अस्पताल से धुंआ निकल रहा था, लेकिन यदि दमकल विभाग और पुलिस विभाग तत्परता से कार्रवाई नहीं करता तो बहुत बड़ी अनहोनी घट जाती। पुलिस के चारों तरफ सायरन बजने लगे, तो दमकल विभाग की गाडिय़ां भी दौड़ती नजर आईं। यदि थोड़ी भी चूूक हो जाती तो लाशों के ढेर लग जाते। आग इतनी भयंकर थी कि देखने वालों के रौंगटे खड़े हो गए। चारों तरफ चीख-पुकार सुनाई दे रही थी।
एसीपी राजीव यादव व सिटी थाना प्रभारी ने भी आज अपनी बहादुरी दिखाई। दमकल विभाग की बहादुरी तो देखते ही बनती थी। अगर अस्पताल के शीशे नहीं टूटते तो दम घुटने से मरने वाले मरीजों का ढेर लग जाता, लेकिन अस्पताल की लापरवाही की वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ। एसी के अंदर आग लगी लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह है कि दमकल विभाग ने सीढ़ी लगा-लगा कर मरीजों को निकाला। अस्पताल की पोल खुल रही थी कि उनके यहां सुरक्षा के कितने इंतजाम किए गए हैं। अगर अस्पताल में आग से सुरक्षा के यंत्र होते तो आग पर पहले ही काबू पाया जा सकता था। आग की सूचना मिलने पर दमकल विभाग की पांच गाडिय़ों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग की चपेट में आई एक महिला और बच्चे की हालत अभी गंभीर बनी हुई है।
हादसा शहर के ओल्ड रेलवे रोड स्थित शीतला अस्पताल का है। शुक्रवार की सुबह करीब आठ बजे अचानक एसी रूम में आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी कि देखते ही देखते आग बिजली के वायर तक फैल गई और उसके बाद पूरे आग ने अस्पताल के पूरे फ्लोर को अपनी चपेट में ले लिया। अस्पताल में कोई कुछ समय पाता इससे पहले आठ बच्चों सहित करीब 12 लोग गंभीर रूप से चपेट में आ गए। अस्पताल कर्मियों एवं परिजनों की मदद से सभी रोगियों को आनन-फानन में अस्पताल से बाहर निकाला गया और दमकल विभाग को सूचना दी गई। उसके बाद गंभीर रूप से झुलसे मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। शीतला अस्पताल में आग की सूचना मिलते ही दमकल के अधिकारियों गाडिय़ां भेज दी। दमकल की पांच गाडिय़ों की मदद से करीब घंटे भर की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
– सतबीर भारद्वाज, तोमर