चंडीगढ़: डेंगू के 15 दिनों के इलाज के लिए गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल द्वारा 18 लाख रूपए का बिल बनाये जाने का जो मामला सामने आया है। उस मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए इस मामले में हरियाणा सरकार द्वारा की जा रही जाँच की रिपोर्ट तलब कर ली है इस डेंगू से पीडि़त बच्ची की बाद में मृत्यु हो गई थी। हाईकोर्ट द्वारा डेंगू के बढ़ते केहर पर संज्ञान ले जो सुनवाई शुरू हुई है। उस पर वीरवार को सुनवाई के दौरान इस मामले में हाई कोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने हाईकोर्ट को इस मामले में जानकारी दी उन्होंने बताया कि, गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल ने एक सात वर्षीय बच्ची का 15 दिन इलाज कर उसके पिता को 16 लाख रूपए का बिल थमा दिया जबकि इस बच्ची की बाद में मृत्यु हो गई थी। यह बिल 15 पन्नो का था।
जिसमे बताया गया कि, 15 दिनों के इलाज के दौरान 660 सीरिंज और 2700 ग्लव्स भी इस्तेमाल किये गए गुप्ता ने कहा यह बेहद ही हैरत की बात है कि, एक मरीज के 15 दिनों के इलाज में कैसे 660 सीरिंज और 2700 ग्लव्स इस्तेमाल हो सकते हैं लिहाजा गुप्ता ने इस मामले में तत्काल हॉस्पिटल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किये जाने की मांग की। जस्टिस ए.के. मित्तल एवं जस्टिस अमिता रावल की खंडपीठ ने इस जानकारी पर कहा कि, यह बेहद ही गंभीर मामला अगर एक डेंगू के इलाज के लिए निजी हॉस्पिटल इतनी बड़ी राशि वसूल रहे हैं तो अन्य गंभीर बिमारियों में भी ऐसा ही किया जाता होगा। लिहाजा हाई कोर्ट ने फि़लहाल हॉस्पिटल को तो नोटिस जारी नहीं किया लेकिन इस मामले में हरियाणा सरकार द्वारा जो जाँच की जा रही है। उसकी रिपोर्ट 12 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई पर हाई कोर्ट में पेश किये जाने के आदेश दे दिए हैं।अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें.
(आहूजा)