रोहतक: हरियाणा के वितमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चिंतन मनन भाजपा की एक स्वभाविक प्रक्रिया है, जिसमें समय समय पर बैठकर यह विचार विमर्श किया जाता है कि जनता की बेहतरी से लिए सुझाव सांझा किए जाते है। प्रदेश में गत कांग्रेस सरकार दिल्ली में बैठे नेताओं के गुलाम की तरह काम करती थी, मनन व चिंतन कांग्रेस पार्टी के स्वभाव में नही है और वे साथ बैठ कर कोई बातचीत नही कर सकते। वितमंत्री कैप्टन अभिमन्यु शुक्रवार को रोहतक पहुंचे और अपने पिता मित्रसेन आर्य की 87 जयंती पर आयोजित रक्तदान शिविर में शिरक्त की। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि चिंतन मनन भाजपा की एक स्वभाविक प्रक्रिया है, और प्रदेश की ढाई करोड़ जनता के लिए वर्तमान व भविष्य में होने वाले कामों बारे विचार किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने यह योजना बनाई है, जहां हरियाणा के भविष्य की दिशा तय करने पर विचार होगा, लेकिन अतीत की सरकारों में कभी इस तरह के चिंतन शिविर कही नही दिखाई दिए और न ही उनकी कोई नीति और और न ही दिशा। क्योंकि पिछली सरकार केंद्र में बैठे नेताओं के इशारे पर काम करती थी। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम भूपेन्द्र हुड्डा ने दस साल के अपने कार्यकाल में केवल जमीन के घोटालों का वातावरण बनाया था। इस तरह से आपस मे बैठ कर बातचीत करना हुड्डा या कांग्रेस पार्टी के संस्कार में नही है। भाजपा किसी परिवार की पार्टी नही है। कांग्रेस पार्टी से तो इस तरह के कार्यक्रम की उम्मीद भी नही की जा सकती।
वित्तमंत्री ने कहा कि भाजपा किसी विशेष वर्ग नहीं बल्कि समस्त नौजवानों की ऊर्जा का सदुपयोग करके उन्हें आगे बढऩे के लिए प्रेरित करने का कार्य कर रही है। युवाओं से ही प्रदेश का हित एवं भविष्य सुरक्षित है। वित्तमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में बुरी तरह हार रही है, इसलिए बौखलाहट में लोकतंत्र का अपमान करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए। बाद में वितमंत्री ने शिविर में रक्तदान करने वाले लोगों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर रामअवतार बाल्मीकि, मुकेश गौड़, अजय बंसल, सतपाल रापडिया, सुरेंद्र सिवाच, मनीष शर्मा, रोहित मलिक, नवीन ढुल, जसवंत बलियाना, सोनू सिंघल, मनोज स्वामी, नरेश इन्दोरा, दिनेश गोयल, सतीश हुड्डा, रूद्रसेन सिंधु, देव सुमन सिंधु व डॉ. देव प्रकाश मौजूद रहे।
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– मनमोहन कथूरिया