हरियाणा में यहां की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत ने लगभग 1500 करोड़ रूपये के मानेसर भूमि मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को आज जमानत दे दी। हुड्डा के वकील एस.पी.एस। परमार ने बताया कि अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री को जमानत के लिये पांच रूपये की जमानत और इतनी राशि के मुचलका भरने के निर्देश दिये। इस मामले में अब अगली सुनवाई 31 मई को होगी। इस मामले में सह आरोपी बनाये गये तथा हुड्डा सरकार में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे तत्कालीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारी छत्तर सिंह, एम.एल।
तायल और एस.एस। ढिल्लों को विशेष अदालत गत 19 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान जमानत दे चुकी है। हुड्डा स्वास्थय कारणों से पिछली सुनवाई को अदालत में पेश नहीं हो सके थे। सीबीआई ने इससे पहले गत एक फरवरी को इस मामले में हुड्डा और 33 अन्यों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, घोखाधड़ और भ्रष्टाचार के आरोपों में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004 और 2007 के बीच तत्कालीन राज्य सरकार ने गुरूग्राम जिले के मानेसर, नौरंगपुरा और लखनौला गांवों की औद्योगिक मॉडल टाउनशिप के लिये 912 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की थी।
बताया जाता है कि कुछ सरकारी अधिकारियों के साथ कथित तौर पर सांठगांठ कर बिल्डरों ने किसानों में अधिग्रहण का खौफ पैदा कर उनसे लगभग 400 एकड़ जमीन लगभग 100 करोड़ रूपये में खरीद ली थी जबकि इसका बाजार भाव 1600 करोड़ रूपये था। इससे किसानों को लगभग 1500 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ था। बाद में सरकार ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया रद्द कर दी। सीबीआई ने इन आरोपों के चलते वर्ष 2015 में आपराधिक षडयंत्र रचने, धोखाधड़ और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया था।
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