चंडीगढ़ : एक तरफ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता का दावा कर रहे हैं वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार के विरूद्ध मोर्चा खोलते हुए कहा है कि हरियाणा की भाजपा सरकार के कार्यकाल में सरकारी नौकरियां खुलेआम नीलाम हो रही हैं। हरियाणा में पिछले एक सप्ताह से सरकारी नौकरियों में का विवाद मुख्यमंत्री खट्टर के उस वायरल वीडियो को लेकर हंगामा चल रहा जिसमें रोहतक के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री खट्टर ने लोकसेवा आयोग द्वारा घोषित किए गए एचसीएस के नतीजों को लेकर सरकार की पीठ थपथपाई थी। सीएम ने यहां तक कहा था कि उन्होंने आयोग चेयरमैन को फोन करके कहा था कि जब इंटरव्यू हो चुका है तो तुरंत नतीजे घोषित करें।
यहां पत्रकारों से बातचीत में पूर्व सीएम हुड्डा ने इसे कार्रवाई को संवैधानिक संस्थाओं में दखल बताते हुए सीएम पर ही सवाल दाग दिया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं है कि वह किसी भी संवैधानिक संस्था के चेयरमैन को फोन करके नतीजों के बारे में बातचीत करें। यह एचपीएससी का काम है और इस तरह से मुख्यमंत्री उनके कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। सीएम के उन आरोपों पर भी हुड्डा ने पलटवार किया है, जिसमें खट्टर ने कहा था कि पूर्व की सरकार में नौकरियों में भाई-भतीजावाद चलता था और सरकार की ओर से चयनित होने वालों के नामों की सूची भेजी जाती थी।
पूर्व सीएम ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को सरकार ने परचून की दुकान बना दिया है। दुकान में जिस तरह से सामान की लिस्ट और रेट लिखे होते हैं, ऐसे ही आयोग में नौकरियों की रेट लिस्ट चस्पा की हुई थी। सरकार ने आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
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(आहुजा)