पंचकूला : स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई अदालत में मानेसर की 900 एकड़ जमीन घोटाले मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान मामले में आरोपी पूर्व सीएम हुड्डा सहित 34 अरोपी कोर्ट में पेश हुए। मामले में सीबीआई द्वारा कोर्ट में दिए गए चालान की बचाव पक्ष द्वारा स्क्रूटनी की जाएगी। बचाव पक्ष के वकील एसपीएस परमार ने बताया कि मानेसर जमीन घोटाले मामले से जुड़े दस्तावेजों की उनके द्वारा स्क्रूटनी की जाएगी और अगर दस्तावेज कम हुए तो कोर्ट से ओर दस्तावेजों की मांग करेंगे।
इस मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी। आरोप है कि पिछली सरकार ने आईएमटी मानेसर की स्थापना के लिए 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने के लिए मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला के ग्रामीणों को सेक्शन 4, 6 और 9 के नोटिस थमा दिए थे। इसके बाद प्राइवेट बिल्डरों ने किसानों को अधिग्रहण का डर दिखाकर जमीनों के सौदे किए और जमीनों को कौडय़िों के भाव खरीद लिया। इसी दौरान डायरेक्टर इंडस्ट्रीज ने 24 अगस्त 2007 को सरकारी नियमों की अवहेलना करते हुए बिल्डर द्वारा खरीदी गई जमीन को अधिग्रहण प्रोसेस से रिलीज कर दिया।
गांव के किसानों ने मामले में गुड़गांव के मानेसर पुलिस थाने में केस दर्ज करवाया था। इस पर बीजेपी सरकार ने 17 सितंबर 2015 को मामला सीबीआई के हवाले कर दिया था। सीबीआई ने अपनी पड़ताल के बीच जमीन अधिग्रहण में कथित अनियमितता को लेकर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 420, 465, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया हैं।
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