रेवाड़ी : केन्द्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने कहा है कि नौकरी की भुख हमें पीछे धकेल रही है। हमें नौकरी की बजाय व्यापार की ओर ध्यान देना चाहिए ताकि हम दूसरों को रोजगार प्रदान कर सकें। केन्द्रीय मंत्री रविवार को रेवाडी जाट धर्मशाला भूमि पूजन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अहीर, गुर्जर और जाट सभी का पेशा, रहन-सहन, भाषा, कल्चर, खान-पान एक जैसा है तथा गौत्र भी आपस में मिलते जुलते है।
प्रदेश के साथ लगते राज्य राजस्थान में जाटों को आरक्षण मिल रहा है यदि अहीर व गुर्जर भी आरक्षण छोड दे तो जाट कौम भी आरक्षण नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि समाज में लडाई करवाने व भेदभाव का कार्य करने का कार्य वो लोग करते है जो हमारा शोषण करते है। हम समाज को जोडकर चलाना चाहते है। रेजांगला की लडाई में शहादत देने वालों पर हमें भी गर्व है, वहीं 1965 में जाट रेजीमेंट के योद्धाओं की कुर्बानी पर इस क्षेत्र को गर्व है। उन्होंने कहा कि हम सभी एक है, हमें आपस में प्यार-प्रेम से रहना चाहिए।
इस्पात मंत्री ने कहा कि कृषि व सरकारी नौकरी से आय के वो साधन नहीं बन सकते जो कल-कारखानों व बडे उद्योगों से बनते है। उन्होंने कहा कि गुजरात के लोग आईएएस व आईपीएस की नौकरी की बजाय अपना कारखाना लगाना पंसद करते है। अगर यही सोच सभी में आगे बढे तो हमारा देश व समाज आगे बढेगा। बच्चें नौकरी मांगने की बजाय दूसरों को रोजगार उपलब्ध करवाने में सक्षम होगें। उन्होंने कहा कि समाज में आर्थिक बदलाव बहुत जरूरी है। जब हम व्यापार की ओर कदम बढायेगें तभी हम सक्षम हो पायेगें।
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