करनाल: लोअर मेरिट नाम की काली सूची बनाकर नौकरी से बाहर कर दिए गए जेबीटी शिक्षकों ने आमरण अनशन शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रखा। 27 दिनों से फुटपाथ पर बैठकर नौकरी मांग रहे शिक्षकों की सुध लेने के लिए कोई मंत्री, नेता या प्रशासनिक अधिकारी नहीं आया। इस कारण दो शिक्षक सदमें में जान गंवा चुके हैं, लेकिन सरकार की नींद नहीं खुल रही। सरकार किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है। मुकेश डिडवानिया ने कहा कि 1259 जेबीटी शिक्षकों पर अत्याचार किया गया है। लोअर मेरिट की काली सूची बनाकर शिक्षकों को घर से बेघर करने का काम किया है। काली सूची में शामिल किए गए सभी शिक्षक पूरी योग्यता रखते हैं, इसके बावजूद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। शिक्षकों ने कहा है कि आमरण अनशन नौकरी मिलने तक जारी रहेगा।
नइंसाफी को शिक्षक बर्दाश्त नहीं कर सकते। अगर 26 जुलाई के बाद भी सरकार ने नौकरी पर ‘वाइनिंग नहीं करवाई तो जल भी त्याग दिया जाएगा। इस मामले में 26 जुलाई को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। अगर सरकार सही तरीके से पैरवी करती है तो 1257 शिक्षकों का भविष्य उजडऩे से बच जाएगा। सर्व कर्मचारी संघ ने जेबीटी शिक्षकों को अपना खुला समर्थन दिया है। संघ के पदाधिकारियों ने सरकार से शिक्षकों के साथ न्याय करने की मांग की है। अनशन पर बैठे शिक्षकों में राकेश जांगड़ा, वीर सिंह, सचिन बापौली, सुरेश कुमार, सत्यवान, आरती सैनी, पंकज रानी, इंदुबाला, नीलम व महेश शामिल हैं।
– आशुतोष गौतम, महिन्द्र