रोहतक: गौचरण भूमि मुक्त कराने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे संत गोपालदास की गिरफतारी के विरोध में गौभक्तों ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के नेतृत्व में काले झंडे लेकर मानसरोवर पार्क से लेकर तिलियार कन्वेंशन सेंटर की तरफ रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें अशोका चैक पर बेरिकेटस लगाकर रोक लिया। इस दौरान पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच झडप हो गई। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों व डॉ. अशोक तंवर को हिरासत में ले लिया, लेकिन तंवर बस से उतर कर पुलिस बस की छत पर जा बैठे। डॉ. तंवर को नीचे उतारने के लिए पुलिस कर्मियों ने काफी मशक्त की, लेकिन पुलिस तंवर को बस से नीचे नहीं उतार पाई और गाडी सुनारियां जेल की तरफ रवाना कर दी गई। भारी पुलिस बल बस के साथ सुनारिया चैक तक साथ रहा।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार तानाशाही कर रही है और संत के साथ ज्यादती कर रही है। शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ अशोक तंवर व पूर्व मंत्री सुभाष बतरा व विकास चौधरी के नेतत्व में काफी संख्या में गौभक्त मानसरोवर पार्क एकत्रित हुए। गौभक्तों को संबोधित करते हुए डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि गाय के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा सरकार आज गाय को ही भूल गई है। सरकार ने तानाशाही दिखाते हुए संत गोपालदास को गिरफतार किया है, जोकि निंदनीय है। संत पिछले दो महीने से अनशन पर है, लेकिन सरकार ने सुध लेने की बजाए उसे जेल में डाल दिया है।
इसके बाद प्रदर्शनकारी तंवर की अगुवाई में काले झंडों के साथ मानसरोवर पार्क से भाजपा के राष्टीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रवास तिलियार लेक की और रवाना हुए। हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अशोका चैक पर पहले ही बेरिकेटस लगा रखे थे। जब प्रदर्शनकारी अशोका चैक पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बेरिकेटस तोड कर आगे बढने का प्रयास किया तो पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच झडप हो गई। स्थिति को देखते हुए पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को चारो तरफ से घेर लिया और तंवर सहित अन्य समर्थको को हिरासत में ले लिया। कांग्रेस अध्यक्ष पुलिस गाडी में बैठने की बजाए बस की छत जा बैठे।
(मनमोहन कथूरिया)