चंडीगढ़: हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कविता जैन ने कहा है कि पुलिस, न्यायपालिका से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा सभी हितधारकों को बाल अधिकारों के प्रति और अधिक संवेदनशील होना होगा,ताकि बच्चों का भावनात्मक,शारीरिक एवं व्यक्तित्व-विकास की सभी आवश्यकताएं पूरी हो सकें। श्रीमती जैन आज सैक्टर-43 स्थित न्यायिक अकेडमी में हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बच्चों के कानूनों पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बोल रही थीं। उन्होने कार्यशाला में आये सभी हितधारकों को अनुरोध किया कि वे अपनी जिम्मेदारियां अच्छे से निभाएं।
उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में बच्चों को नागरिक के रूप में अधिकार दिये गए है तथा बच्चों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्यों ने विशेष कानून भी लागू किये हैं। इसके अलावा बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के उद््देश्य से कई अधिनियम तथा नीतियां भी तैयार की गई हैं। उन्होंने कहा कि आज सूचना एवं प्रौद्योगिकी के युग में अपराध की प्रवृृतियां दिन प्रतिदिन बढ रही हैं जो हमारे लिए चिंता का विषय है। ब्लू व्हेल जैसी आनलाइन गेम्स इसका ताजा उदाहरण है, हालांकि हरियाणा सरकार ने स्कूल एवं अभिभावकों को सचेत करने के लिए इंटरनेट सेफ्टी गाईड लाइन्स भी जारी की हैं। उन्होंने बच्चों के खिलाफ बढ़ रहे मानसिक एवं शारीरिक अपराध के प्रति चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों के प्रति अपने सकारात्मक दृृष्टिकोण रखना होगा और उनके सर्वागींण विकास पर ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में बच्चों के विकास, कल्याण, संरक्षण, पुनर्वास के लिए हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं के आयोजन से बाल अधिकार संरक्षण के बारे में अनुभव एवं जानकारियां ही नहीं मिलती बल्कि सभी हितकारकों के एक साथ एकत्रित होने से कई विभागीय आपत्तियां एवं कठिनाईयां भी दूर होती हैं। कार्यशाला में महानिदेशक जेल के पी सिंह, अतिरिक्त मुख्यसचिव एस एस ढिल्लों के अलावा पुलिस, शिक्षा, श्रम, हरियाणा राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के अधिकारी, सभी जिलों के डी.सी.पी.यू. ईकाई के कानून अधिकारी तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
(राजेश जैन)