उच्चतम न्यायालय ने गुरुग्राम स्थित रायन स्कूल में सात वर्षीय छात्र की हत्या के मामले में रायन समूह के मालिकों को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से मिली अग्रिम जमानत रद्द करने के लिये दायर याचिका पर आज रायन पिंटो और उनके माता पिता से जवाब मांगा। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कक्षा दो के छात्र प्रद्युमन की हत्या के मामले की जांच कर रहे केन्द्रीय जांच ब्यूरो से भी जवाब मांगा है।
यह छात्र आठ सितंबर को स्कूल के शौचालय में मृत पाया गया था और उसकी गर्दन कटी हुयी थी। पीठ ने इस समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रायन पिन्टो, उसके माता पिता एवं संस्थापक अध्यक्ष अगस्टाइन पिंटो और प्रबंध निदेशक ग्रेस पिन्टो को नोटिस जारी किये। इन्हें सुनवाई की अगली तारीख 30 अक्तूबर तक नोटिस का जवाब देना है। प्रद्युमन के पिता वरुण चंद्र ठाकुर ने अपनी याचिका में इन सभी की अग्रिम जमानत निरस्त करने का अनुरोध किया है।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने रायन समूह के इन तीन ट्रस्टियों की गिरफ्तारी पर 28 सितंबर को रोक लगा दी थी। इन तीनों ने न्यायालय से अग्रिम जमानत का अनुरोध किया था। सीबीएसई ने पांच अक्तूबर को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि गुरूग्राम स्थित रायन स्कूल में प्रशासन की लापरवाही के कारण ही नाबालिग छात्र की नृशंस हत्या हुयी क्योंकि सिर्फ बच्चों और स्टाफ के लिये बने वाशरूम का इस्तेमाल करने की अनुमति ड्राइवरों और कंडक्टरों को भी दी गयी थी।
ठाकुर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम राहत देने और यह राहत आगे बढाने के आदेश त्रुटिपूर्ण हैं और इन्हें निरस्त किया जाना चाहिए। याचिका के अनुसार जांच ब्यूरो की जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और ऐसी स्थिति में उन्हें अंतरिम जमानत देना आपराधिक न्याय व्यवस्था को निष्फल बनाता है।