चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने वरिष्ठ आइएएस अधिकारी अशोक खेमका का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से तबादला करने के बाद अब सरकार ने खेमका द्वारा लिए गए फैसलों को भी बदलने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सरकार ने तैयारी पूरी कर ली है। हरियाणा के करीब साढ़े तीन लाख लोगों की पेंशन कर विपक्ष के निशाने पर आई सरकार अब सभी लोगों की पेंशन फिर से शुरू करेगी। अशोक खेमका के इस फैसले से सरकार को जवाब देना भारी हो गया था, जिसके बाद सरकार के पास खेमका का इस विभाग से तबादला करने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं बचा था। राज्य में करीब 26 लाख लोग पेंशन हासिल कर रहे हैं।
इनमें से साढ़े तीन लाख लोगों की अचानक पेंशन बंद हो गई तो उनमें विरोध के स्वर फूट पड़े। दलील दी गई कि इन पेंशन धारकों के खातों के साथ आधार लिंक नहीं हैं, जबकि सैकड़ों लोग ऐसे हैं, जो अपात्रता के दायरे में आते हैं और बिना दस्तावेज पूरे किए पेंशन हासिल कर रहे हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने एक आदेश जारी कर इन सभी लोगों की पेंशन बंद कर दी थी, जिसके बाद सरकार को विपक्ष व लोगों के व्यापक विरोध का सामना करना पड़ा था।
राज्य सरकार ने अब उन सभी लोगों के दस्तावेजों की फिर से जांच कराने का फैसला लिया है, जिनकी पेंशन यह कहते हुए बंद कर दी गई थी कि उनके पास न तो आधार लिंक है और न ही दस्तावेज पूरे हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण बेदी ने इस समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री से बात की तो उन्होंने मौजूदा निदेशक संजीव वर्मा को समस्या के समाधान के निर्देश दिए। खेमका के कार्यकाल में ही करीब ढ़ाई लाख लोगों की पेंशन फिर से आरंभ हो गई, क्योंकि इन लोगों ने अपने आधार कार्ड और जरूरी दस्तावेज जमा करा दिए थे। बाकी बचे करीब एक लाख लोगों की पेंशन भी सरकार शुरू करने के हक में है। लिहाजा ऐसे लोगों को इस साल के अंत तक सभी जरूरी दस्तावेज जमा कराने का मौका दिया गया है।
(राजेश जैन)