बापौली-सनौली : पत्थरगढ गांव में एक 13 वर्षीय मासूम के साथ हुए बल्तकार का मामला प्रकाश में आया है। वही पीडीत लडकी के परिजनो ने पुलिस पर 12 घंटे बाद मामला दर्ज करने व महिला पुलिसकर्मी पर पीड़ित लडकी के परिजनों ने दबाव बनाकर 10 लाख रूपए में फैसला करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। वही डीएसपी विधावति ने पुलिस टीम के साथ घटना स्थल का दौरा किया और और पीड़ित परिवारों को आश्वासन दिया कि उनके साथ किसी अन्याय नही होने दिया जाएगा। वही उन्होने पीड़ित लडकी के परिजनों को कहा कि वो लडकी को लेकर आए ताकि मजिस्टे्रट के सामने ब्यान दर्ज करवाएं जा सकें।
मिली जानकारी अनुसार पत्थरगढ गांव निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि शनिवार सुबह करीब साढे 10 बजे उसकी करीब 13 वर्षीय बेटी साईना (काल्पनिक नाम) को गांव की ही एक लडकी बुलाकर ले गई और नवादा पार रोड पर सरकारी स्कूल से कुछ दुरी पर गन्ने के खेत में गांव के ही जुनेद पुत्र नाजिम, साबीर पुत्र जाकीर व कलीम पुत्र कौसर आदि तीन युवकों को सौप दिया। तीनों युवकों में से जुनेद व साबीर दोनों युवको ने तो लडकी को पकड लिया जबकि तीसरे युवक कलीम ने लडकी के साथ दुष्कर्म किया। इसके उपरांत उसकी लडकी करीब पौने 12 बजे घर पहुंची तो उस दौरान वो सहमी हुई थी। तो उन्होने उससे पूछा कि कहा गई थी तो उसने रोते हुए सारी घटना बताई। इसके उपरांत जैसे ही वो अपनी बेटी को लेकर पानीपत सिविल अस्पताल में पहुंचा तो उन्होने कहा कि पहले पुलिस में शिकायत करो इसके बाद कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
उसके उपरांत वो महिला थानें में पहुंचा। और लिखित शिकायत पत्र दिया। इसके कुछ देर बाद ही दुसरा पक्ष भी मोके पर पहुंच गया और उनके ऊपर फैसले का दबाव बनाने लगा। वही पुलिस भी उनके ऊपर फैसले का ही दबाव बनाने लगी। परन्तु वो नही माने वही पुलिस ने भी मामला दर्ज नही किया। और वो भूखें-प्यासे पुलिस से न्याय की गुहार लगाते रहे लेकिन किसी ने नही सुनी इसके उपरांत करीब रात साढे 12 बजे पुलिस ने मामला दर्ज किया। लेकिन कोई ठोस कार्यवाही अमल में नही लाई गई। क्योकि आरोपी जहां खुले आम घूम रहे है वही उन्हे धमकियां भी दी जा रही है। पीड़ित लडकी के पिता का कहना है कि वो अपनी बेटी को लेकर सीधा सरकारी अस्पताल पहुंचा लेकिन डाक्टरों ने कहा कि पहले पुलिस में शिकायत दर्ज कराओ इसके बाद मेडीकल जांच होगी।
लेकिन पुलिस ने शिकायत लेने के बाद भी कई घंटो तक उनकी नही सुनी और दुसरा पक्ष भी पहुंच गया तथा पुलिस के साथ मिलकर फैसले का दबाव बनाने लगा। लेकिन उसने फैसला करने से मना कर दिया और पुलिस से कुछ देर का समय लेकर फिर सरकारी अस्पताल में पहुंचा लेकिन इसके बाद भी उसकी बेटी की मेडिकल जांच नही की और यह कहकर मना कर दिया कि यह पुलिस केस है पहले मामला दर्ज कराओ इसके बाद ही आगामी कार्यवाही होगी। पीड़ित ने बताया कि वो करीब एक बजे महिला थाने में पहुंच गया था। और लिखित में शिकायत पत्र भी दे दिया था। लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नही किया।
पीड़ित ने बताया कि वो भूखा-प्यासा थाने में न्याय की गुहार लगाता रहा लेकिन किसी ने उसकी नही सुनी। क्योकि उसके पास पैसे नही है और वो मजूदरी कर ही अपने परिवार का गुजारा करता है। रात को करीब साढे 12 बजे पुलिस ने आरोपीयों के खिलाफ मामला दर्ज किया। महिला थाना पुलिस द्वारा करीब 12 घंटे बाद मामला दर्ज किए जाने से सवालिया निशान बने हुए है कि आखिर महिला पुलिस एक मासूम लडकी के साथ हुए रेप की शिकायत पर कार्यवाही करने से क्यों पीछे हट रही थी। क्या वो आरोपीयों को बचाना चहाती थी या फिर दुष्कर्म के मामलें को दबाने का प्रयास किया जा रहा था।
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– अलीमेहर