कुरुक्षेत्र: गांव दयालपुर में जब चार बच्चों की अर्थियां इकट्ठी उठी तो शव यात्रा में शामिल हजारों लोगों की आंखें नम हो गई और महिलाओं का रोना पीटना तो इतना हृदयविदारक था, जो देखा नहीं जा रहा था। ये चारों बच्चे अपनी मां के साथ गत दिवस रसोई गैस सिलेंडर में आग लगने से झुलस गए थे, जिनकी पीजीआई चंडीगढ़ में जाकर मौत हो गई, जबकि इनकी माता रेशो देवी पीजीआई चंडीगढ़ में जीवन व मृत्यु के बीच जूझ रही है। मरने वालों में दो जुड़वां बहनें रीना, मीना (16 वर्ष), रजनी (11 वर्ष) और उनका इकलौता भाई गौरव (13 वर्ष) शामिल है।
मृतक बच्चों के चचेरे भाई चारों को मुखाग्नि दी। दुखदायी बात तो यह है कि अपने बच्चों का अंतिम बार चेहरा देखने के लिए कुवैत में रह रहा इनका पिता जसबीर सिंह नहीं पहुंच सका। जसबीर सिंह को घटना की जानकारी दे दी गई , लेकिन उसके सोमवार तक भारत आने की उम्मीद है। जब आज सायं चारों बच्चों के शव एक ही कैंटर में रखकर गांव दयालपुर में पहुंचे तो गांव तथा आसपास के इलाके के हजारों लोग इन बच्चों को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे हुए थे।
अंतिम विदाई देने वालों में राज्यसभा सदस्य रामकुमार कश्यप, इनेलो प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा, भाजपा जिला प्रधान धर्मवीर मिर्जापुर, जिला परिषद के चेयरमैन गुरदयाल सुनहेड़ी, भाजपा नेता कृष्ण बजाज, भाजपा संवाद प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक धुम्मन सिंह किरमिच, जिला कांग्रेस के कार्यवाहक प्रधान विशाल सिंगला, ब्लाक समिति के चेयरमैन देवीदयाल, जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार ईश्वर चंद, पुलिस प्रशासन की ओर से डीएसपी राज सिंह तथा खंड विकास अधिकारी विकास इन बच्चों की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। जब चिता को अग्नि दी गई, उस समय बड़ा ही हृदयविदारक माहौल बन गया। परिजनों का विलाप देखा नहीं जा रहा था।
– रामपाल शर्मा, पंकज अरोड़ा