फरीदाबाद : अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वाई एस राठौर की अदालत ने एसआरएस गु्रप के चेयरमैन अनिल जिंदल एवं उनके डायरेक्टरों को पांच दिन का पुलिस रिमांड दिया है। रिमांड की अवधि में पुलिस अनिल जिंदल एवं उनके डायरेक्टरों से कड़ी पूछताछ करेगी। बैंक एवं लोगों के करोड़ों रुपए ठगने से संबंधित पूरी जानकारी जुटाई जाएगी। पुलिस के अनुसार पूछताछ में ईडी एवं इंकम टैक्स के अधिकारियों से भी सहायता ली जाएगी। 11 अप्रैल को अनिल जिंदल सहित सभी डायरेक्टरों को फिर से अदालत में पेश करना होगा। इसके अलावा कई और मुकदमों में नामजद इन सभी आरोपियों पर शनिवार को भी सुनवाई होगी। पुलिस ने सेक्टर 31 थाने में दर्ज 20 मुकदमों में दिल्ली के महिपाल पुर के आमरा होटल से गिरफ्तार किया था।
इसके अलावा सेक्टर 31 थाना पुलिस ने आज एसआरएस गु्रप के चैयरमेन और उनके कई साथियों के खिलाफ साजिश के तहत धोखाधड़ी, विश्वघात करने व एफ ई एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया हैं, इनमें से कई आरोपी पहले से ही पुलिस गिरफ्त में हैं और कई लोग अभी जांच के घेरे में हैं। उल्लेखनीय है कि एसआरएस गुु्रप के चेयमरैन अनिल जिंदल ने एनसीआर मुख्य रूप से फरीदाबाद, बल्लभगढ़, तिगांव, नहरपार के अनेक क्षेत्र, पलवल, पुन्हाना, पिनगवां होडल सहित आसपास के इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों से कई हजार करोड़ रुपए ब्याज एवं अपने व्यवसाय में निवेश के नाम पर लिए थे। इनमें से अधिकांश वे लोग भी शामिल थे, जिन्होंने नहरपार बनने वाली गु्रप हाऊसिंग स्कीम के अंतर्गत बिल्डरों को अपनी जमीनें बेची थी। इसके अलावा सरकार द्वारा जमीनों के अधिग्रहण के बाद जो मुआवजा मिला, वह एसआरएस कंपनी को ब्याज पर दे दिया। कई सालों तक लोगों को ब्याज या उनका मुनाफा दिया जाता रहा।
लेकिन वर्ष 2015 से एसआरएस द्वारा ब्याज व मुनाफे की राशि देनी बंद कर दी गई। इसके बाद शहर में अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया। हालांकि लोगों ने अनिल जिंदल के कहे अनुसार उनसे सहयेाग भी किया, इसके बावजूद एसआरएस गु्रप की हालत और पतली होती चली गई। इस दौरान लोगों ने धरना प्रदर्शन कर एसआरएस गु्रप व सरकार के खिलाफ जमकर जहर उगला। पिछले मार्च में पुलिस कमिश्नर के तौर पर फरीदाबाद आए अमिताभ ढिल्लो ने एसआरएस गु्रप के खिलाफ धड़ाधड़ धोखाधडी, अमानत में ख्यानत एवं फाईनेंस एक्ट की तमाम धाराओं के तहत मुकदमें दर्ज करवाए। मुकदमें दर्ज होते ही अनिल जिंदल व उनके डायरेक्टर अंडर ग्राऊंड हो गए। उनके गायब होते ही पुलिस पर अनिल जिंदल की गिरफ्तारी के लिए दवाब पडऩे लगा।
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– राकेश देव