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SYL का समाधान करने की इच्छा न तो राज्य सरकार में है न ही केन्द्र सरकार में

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चंडीगढ़: जाने वाले वर्ष का लेखाजोखा करते हुए, विपक्ष के नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने सरकार की लगभग सभी क्षेत्रों की असफलताओं का ब्यौरा देते हुए इनेलो पार्टी द्वारा हरियाणा के हितों को सुरक्षित रखने के लिए किए गए प्रयासों पर रौशनी डाली। वर्ष 2017 में दो ऐसे गम्भीर मुद्दे थे जिनमें सफलता प्राप्त करने के लिए इनेलो लगातार संघर्षरत रही है। एसवाईएल का मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद भी अभी अधर में ही इस कारण लटका हुआ है क्योंकि उसके समाधान की इच्छाशक्ति न तो राज्य सरकार में है और न ही केंद्र सरकार में। लगभग 13 महीने बीत जाने के बाद भी न तो प्रधानमंत्री ने इनेलो को मुलाकात का समय दिया और न राज्य सरकार हरियाणा का पक्ष प्रधानमंत्री के सामने रख पाई है।

इसे देखते हुए इनेलो ने निर्णय लिया है कि अपने एसवाईएल संघर्ष के अगले दौर में वह 7 मार्च को रामलीला मैदान दिल्ली में एक विशाल प्रदर्शन का आयोजन करेगी। अभय सिंह चौटाला ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कुछ समय पहले ट्रैक्टर को ही नॉन-ट्रांसपोर्ट वाहन घोषित करने का निर्णय लगभग कर लिया था। परंतु जब इनेलो ने इस मुद्दे को केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री के समक्ष दिसम्बर महीने में ही दो बार रखा, और इनेलो के सांसदों ने देश की संसद में भी इस मुद्दे को उठाया तो सडक़ एवं परिवहन मंत्री उस निर्णय पर रोक लगाने के लिए तब तैयार हुए जब उन्हें यह भी बताया गया कि यदि ट्रैक्टर ट्रांसपोर्ट वाहन घोषित कर दिया जाता है तो ट्रैक्टर धारक किसानों को प्रति ट्रैक्टर एकमुश्त 15 लाख या प्रति वर्ष डेढ लाख रुपए का टैक्स भरना पड़ेगा।

इस आशय का कानून हरियाणा 2016 में बना चुका था। इस होने वाले अन्याय से अब इनेलो के प्रयासों से किसानों को मुक्ति मिल गई है। विपक्ष के नेता ने यह भी चेतावनी दी कि जिस प्रकार धान की खरीद में नमी के नाम पर किसानों को प्रति क्विंटल कीमत कम दी गई उसके लिए जिम्मेवार लोगों के विरुद्ध इनेलो की सत्ता आने पर कार्रवाई की जाएगी। विपक्ष के नेता ने मुख्यमंत्री के उस बयान का भी खंडन किया है कि राज्य में भ्रष्टाचार का एक सीमा तक उन्मूलन हो चुका है। उन्होंने बताया कि भिवानी जिले के दादम खनन घोटाले में जो टिप्पणी सर्वोच्च न्यायालय ने की है उससे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर स्वयं संदेह के दायरे में आ जाते हैं क्योंकि खनन का अधिकार एक ऐसी कंपनी को उनके हस्तक्षेप के कारण मिला जो उसकी नीलामी की योग्यता भी नहीं रखती थी। इसके अतिरिक्त यमुनानगर और पलवल में भी सरकार की मिलीभगत से गैर-कानूनी खनन हो रहा है।

बैंचों और इंटरलॉकिंग टाइलों की खरीद का मुद्दा इनेलो पहले ही मीडिया के समक्ष रख चुकी है और सभी जानते हैं कि किस प्रकार इनकी खरीद में भारी घोटाला हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती के अवसर पर नृत्य पंडाल लगाने की कीमत सात से आठ करोड़ रुपए दी गई है। हरियाणा के इतिहास में जितना बड़ा बजट अकेले इस वर्ष इस उत्सव के लिए रखा गया था वह अभी तक के सभी उत्सवों पर किए गए खर्च से भी अधिक है परंतु कुरुक्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास अभी भी होता दिखाई नहीं देता। हिमाचल प्रदेश के एक निजी पर्यटक स्थल पर भाजपा के मंत्रियों एवं अधिकारियों के लिए एक चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। इसका एकमात्र उद्देश्य इस रिजार्ट को लाभ पहुंचाना था क्योंकि इसका आयोजन हरियाणा के अनेक सरकारी पर्यटक स्थानों पर किया जा सकता था।

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