रोहतक : केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन व हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री रामलाल मारकनंदा ने मेले ग्राउड में तीसरे कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन में कैटल फार्म, सूक्ष्म सिंचाई योजना, बागवानी, कृषि उत्पाद एवं विभिन्न फर्मों द्वारा बनाए जाने वाले कृषि एवं पशु दुग्ध उत्पादकों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। केन्द्रीय कृषि मंत्री कैटल फार्म में मुर्राह नस्ल के झोटे देखकर प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि सरकार देश में किसानों के लिए सराहनीय कार्य कर रही है। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने समालखा के पशुपालक का झोटा युवराज देखकर उसे सोने की खान नाम दिया। कैटल फार्म के दूसरे राउंड में सबसे अधिक लगभग 50 किलोग्राम दूध देने वाली भैंस मालिकों के साथ भी केन्द्रीय कृषि मंत्री ने जानकारी ली और उन्हें उनके प्रांत में इन भैंसों को बढ़ावा देने बारे आवश्यक टिप्स लिए।
उन्होंने कहा कि बच्चों से भी बढर पशुओं को रखना यही हरियाणा की विशेष पहचान है। इसलिए प्राचीन समय से ही प्रदेश को गुणों की खान कहा जाता है। इसके बाद उन्होंने पेरी खेती हाल में आंवला, स्ट्राबेरी, बेर, आलू, मक्की, किन्नू, अमरूद, खूम्बी, शिमला मिर्च, टमाटर व मटर आदि फल एवं सब्जियों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि वे विशेषकर सब्जियों व फलों की फसलों को सुरक्षित रखने के लिए भण्डारण व सॉस व जैम आदि के केन्द्र बनाए ताकि प्रदेश के किसानों की सब्जियों व फलों की फसलें बर्बाद न हो।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की मंडियों में भी किसान अपनी सब्जियों एवं फलों को बेचने का कार्य कर रहा है लेकिन इसके बावजूद भी खराब होने की आशंका रहती है। यदि टमाटर और आंवला से बनने वाले उत्पादों के कारखाने प्रदेश में लगाए जाएं तो इन फलों को देश के अन्य राज्यों में भी भेजकर इनका स्वाद चखवाया जा सकता है। इस अवसर पर एमओएस कृषि गजेंद्र सिंह शेखावत, निदेशक डीके बेहरा, मनजीत सिंह बराड़, उपायुक्त डॉ. यश गर्ग, पुलिस अधीक्षक पंकज नैन प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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(कथूरिया)