जोधपुर : देश के बहुचर्चित आसाराम प्रकरण में आखिरकार साढ़े चार साल बाद फैसले की घड़ी आ गई है। नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोपी आसाराम के केस का फैसला 25 अप्रैल को आएगा। फैसले की तारीख निर्धारित होने के बाद आसाराम ने कहा कि चलो अब कोर्ट के चक्कर से निजात मिलेगी।
यह है मामला
आसाराम के गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा ने आरोप लगाया था कि 15 अगस्त 2013 को आसाराम ने जोधपुर के निकट मणाई गांव में स्थित एक फार्म हाउस में उसका यौन उत्पीड़न किया। 20 अगस्त 2013 को उसने दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। मामला जोधपुर का होने के कारण दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने के लिए उसे जोधपुर भेजा। जोधपुर पुलिस ने आसाराम के खिलाफ नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने का मामला दर्ज किया। पुलिस 31 अगस्त 2013 को इन्दौर से आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर लाई।
इंदौर से किया था अरेस्ट
जोधपुर पुलिस 31 अगस्त 2013 को इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर ले आई। उसके बाद से आसाराम जोधपुर जेल में ही बंद है। इस दौरान आसाराम की तरफ से उच्चतम व उच्च न्यायालय सहित जिला न्यायालय में 11 बार जमानत हासिल करने की कोशिश की गई। आसाराम की और से राम जेठमलानी, सुब्रहमण्यम स्वामी, सलमान खुर्शीद सहित देश के कई जाने-माने वकील कोर्ट में पैरवी कर चुके है। लेकिन किसी कोर्ट से आसाराम को जमानत नहीं मिली।
जमानत हासिल करने के 11 बार प्रयास किए
उसके बाद से आसाराम लगातार जोधपुर जेल में ही बंद है। इस दौरान उनकी तरफ से उच्चतम व उच्च न्यायालय सहित जिला न्यायालय में 11 बार जमानत हासिल करने के प्रयास किए गए। उनकी तरफ से राम जेठमलानी, सुब्रहमण्यम स्वामी और सलमान खुर्शीद सहित देश के कई जाने माने विधिवेत्ता पैरवी कर चुके हैं। लेकिन किसी भी कोर्ट से आसाराम को जमानत नहीं मिली।
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