अमरावती (आंध्र प्रदेश) : अपनी तरह के पहले अभ्यास क्रॉस बो-18 में वायुसेना ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के संयुक्त रूप से निर्देशित हथियारों की फायरिंग का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह परीक्षण आंध्र प्रदेश में वायुसेना के सूर्यलंका वायुसैनिक अड्डे से किया गया।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ दूसरे वरिष्ठ वायुसेना अधिकारियों के साथ सूर्यलंका में शुक्रवार और शनिवार को इस अभ्यास के गवाह बने।
एक रक्षा विज्ञप्ति में यहां कहा गया कि क्रॉस बो-18 में चार अलग श्रेणियों की मिसाइलों- आकाश, स्पाइडर, ओएसए-एके-एम और आईजीएलए-का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
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विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘यह अभ्यास पांच, सात और आठ दिसंबर को दिन और रात में एक एकीकृत नेटवर्क माहौल में संचालित किया गया।’’
वायु सैनिक अड्डे और मिसाइल दस्ते के सदस्यों से बातचीत करते हुए वायु सेना प्रमुख ने इस अभ्यास के सफल आयोजन के लिये उनके प्रयासों की प्रशंसा की।
धनोआ ने कहा कि क्रॉस बो-18 वायुसेना द्वारा हासिल की गई एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि इससे मिसाइल स्क्वाड्रन दल के युद्ध कौशल में और सुधार में मदद मिलेगी और देश की वायु प्रतिरक्षा तैयारियों को भी मजबूती मिलेगी।