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रकबर की केस में पुलिस की लापरवाही, मारने वाले कह रहे थे हमारे साथ MLA साहब हैं

डॉक्टर अमित मित्तल और डॉक्टर संजय गुप्ता शामिल थे. रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई है कि रकबर के शरीर पर 12 जगह चोट के निशान थे।

अलवर के रामगढ़ में शुक्रवार देर रात गाय ले जाते वक्त भीड़ हिंसा के शिकार हुए हरियाणा के रकबर उर्फ रकबर की मौत की जांच के लिए गठित राजस्थान पुलिस की उच्चस्तरीय समिति ने माना कि मामले में पुलिस से गंभीर चूक हुई है। राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने अलवर लिंचिंग मामले में न्यायायिक जांच के आदेश दिए हैं। घटना स्थल का दौरा करने के बाद उन्होंने मंगलवार को कहा कि प्राथमिक रिपोर्ट के मुताबिक यह पुलिस हिरासत में मौत का मामला है।

अलवर में गो तस्करी के शक में रकबर नाम के एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. कटारिया ने कहा, ‘जो सबूत एकत्रित किए गए हैं, उससे प्राथमिक तौर पर पता चलता है कि यह हिरासत में मौत का मामला है।’ गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने पीड़ित परिवार से भी मुलाकात की है. कटारिया ने कहा, ‘मैंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है और उन्होंने कहा कि वे लोग अब तक की कार्रवाई से संतुष्ट हैं। मैंने उनसे कहा कि उन्हें जब भी जरूरत महसूस हो मुझसे मुलाकात कर सकते हैं।’ गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने राजस्थान के डीजीपी, चीफ सेक्रेटरी और दूसरे पुलिस अधिकारियों के साथ मौके का दौरा करने के बाद यह कहा कि रकबर की मौत 3 घंटे तक पुलिस हिरासत में बिना इलाज के रखने की वजह से हुई है। इसकी न्यायिक जांच का आदेश दिया गया है।

कटारिया ने रकबर के परिवार को सवा लाख रुपये की मुआवजे की भी घोषणा की है। इससे पहले कटारिया ने घटना के दूसरे दिन ही पुलिस को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन जैसे ही यह सामने आया कि पुलिस की लापरवाही की वजह से रकबर की मौत हो गई तो उन्होंने जांच के आदेश दिए. मगर अचानक मंगलवार को केंद्र सरकार के निर्देश के बाद दिन में 12:00 बजे सरकारी प्लेन से कटारिया डीजीपी ओपी गहरोत्रा और चीफ सेक्रेटरी डी. बी. गुप्ता मौके के लिए रवाना हुए. वहां पर तमाम अधिकारियों से बातचीत करने के बाद जांच दल इस नतीजे पर पहुंचा कि अगर अकबर को सही समय पर इलाज मिल जाता तो शायद उनकी जान बच जाती।

पुलिस की लापरवाही की वजह से 3 घंटे बिना इलाज का वह पुलिस थाने में पड़े रहे. हालांकि गृह मंत्री ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया पुलिस हिरासत में उन्हें पीटा गया. अलवर ज़िले के रामगढ़ थाना क्षेत्र में गत शुक्रवार रात कथित गोरक्षकों ने रकबर की बुरी तरह पिटाई की थी, जिसके बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. आरोप है कि रकबर को अस्पताल ले जाने में पुलिस ने कोताही बरती।पुलिस कोई तीन घंटे बाद रकबर को पास के सरकारी अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रकबर के एक हाथ और एक पैर की हड्डी टूटी हुई थी। रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टरों का कहना है कि चोट के बाद अंदरूनी रक्तस्त्राव हुआ होगा. रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि पिटाई से रकबर खान की पसलियां भी दो जगह से टूटी हुई थी। पोस्टमॉर्टम करने वाली टीम में डॉक्टर राजीव कुमार गुप्ता, डॉक्टर अमित मित्तल और डॉक्टर संजय गुप्ता शामिल थे. रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई है कि रकबर के शरीर पर 12 जगह चोट के निशान थे।

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