नई दिल्ली : चीन से जारी सीमा विवाद के बीच भारत ने साफ कर दिया है कि डोकलाम से उसकी सेना नहीं हटेगी। साथ ही भारत ने चीन के इस दावे का खंडन किया है कि डोकलाम से भारतीय सैनिकों की संख्या कम की गई है। भारतीय अधिकारियों ने यह बात तब कही जब चीन ने 15 पेज का दस्तावेज जारी कर कहा कि डोकलाम में जून में भारतीय सैनिकों की संख्या 400 थी जो जुलाई के अंत में घटकर 40 हो गई है। चीन के दावे को खारिज करते हुए भारत ने कहा है कि डोकलाम में चीन के सड़क निर्माण को लेकर तनातनी के बाद से करीब 350 भारतीय सैनिक पिछले छह हफ्ते से वहां हैं।
इससे पहले चीन ने पहली बार यह स्वीकार कर लिया है कि डोकलाम को लेकर उसका भूटान के साथ विवाद है। साथ ही उसने भारत को सलाह दी है कि वह इस मामले में तीसरे पक्ष के तौर न कूदे। चीन ने भारत से बिना शर्त क्षेत्र से अपनी सेना हटाने को कहा था।
गौरतलब है कि चीन अब तक डोकलाम को अपना क्षेत्र बताता था और इस विवाद के संदर्भ में भूटान का जिक्र करने से भी बचता था। चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को 15 पेज का दस्तावेज जारी कर कहा कि चीन और भूटान का सीमा विवाद दोनों देशों के बीच है।
चीन का भूटान के साथ कोई विवाद नहीं है और दोनों देश सीमा मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं। चीन ने कहा कि भारत को तीसरे पक्ष के रूप में चीन और भूटान के बीच सीमा बातचीत में दखल नहीं देना चाहिए। डोकलाम में सड़क निर्माण को लेकर उसने भारत को पहले ही बता दिया था।
चीन ने कहा है कि संबंधों को सामान्य बनाने की ठोस कार्रवाई के तौर पर भारत डोकलाम से सेना हटाए। सीमा पर व्याप्त गतिरोध को खत्म करने के लिए कोई शर्त न जोड़ी जाए। भारत के चार सौ सैनिक बुलडोजर लेकर घुसे हैं, बावजूद इसके चीन संयम दिखा रहा है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने 28 जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अपने चीनी समकक्ष यांग जिएची से बीजिंग में हुई बातचीत के बाद ये बातें कही हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों देशों के बीच वार्ता में जिएची ने चीन के क्षेत्र से भारतीय सेना के हटने की स्पष्ट अपेक्षा जता दी थी।