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यूएन की रिपोर्ट को भ्रामक, पक्षपातपूर्ण बताकर भारत ने किया खारिज

यह रिपोर्ट निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है। इस रिपोर्ट को हम खारिज करते हैं।’

भारत की तरफ से कश्मीर पर जारी संयुक्त राष्ट्र की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया है जिसमे मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए थे। इस रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने इसे ‘भ्रामक, पक्षपातपूर्ण’’ बताते हुए संयुक्त राष्ट्र में अपना कड़ा विरोध जताया है। लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) के दोनों तरफ कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी अपनी तरह की पहली रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट में ऑफिस ऑफ द हाई कमीश्नर ऑफ ह्यूमन राइट्स (OHCHR) जैद अल हुसैन ने कहा, ‘भारतीय सुरक्षा बलों को अधिकतम संयम का प्रयोग करने के लिए कहा गया, और भविष्य में विरोधों से निपटने के दौरान बल के उपयोग को नियंत्रित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय मानकों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट को पूरी तरह से पूर्वाग्रह से प्रेरित है और गलत तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रही है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह देश की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है। तो, वही कांग्रेस पार्टी ने भारत सरकार का समर्थन किया है कांग्रेस ने कहा कि यह भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने का ‘पूर्वाग्रह से प्रेरित’ प्रयास है। इसके साथ ही पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले पर भारत सरकार ने जो रुख अपनाया है, वह पूरी तरह से उसके साथ है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू-कश्मीर भारत का अखंड और अभिन्न अंग है। यह रिपोर्ट निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है। इस रिपोर्ट को हम खारिज करते हैं।’

उन्होंने आगे कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में बिना किसी जानकारी के यह रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे मिलिटेंट संगठनों के आतंकवाद को कैसे उचित ठहरा सकती है?’ सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘क्या संयुक्त राष्ट्र को भारतीय सरजमीं पर पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद पर गौर नहीं करना चाहिए?’ कांग्रेस के एक अन्‍य सीनियर नेता राजीव शुक्ला ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा, ‘यह रिपोर्ट तथ्यों से परे है। ऐसा लगता है कि रिपोर्ट को कश्मीर की स्थिति के बारे में जाने बिना तैयार कर दिया गया। इस रिपोर्ट की हम निंदा करते हैं।इस पर सरकार का जो रुख है, कांग्रेस उसके साथ है।

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