रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति वास्तविकता में “आकार ले रही है” और गणतंत्र दिवस समारोह में दस आसियान नेताओं की मौजूदगी से निश्चित रूप से यह नीति दिखेगी। उन्होंने दिल्ली छावनी स्थित एनसीसी के रिपब्लिक डे कैंप की अपनी यात्रा के दौरान मीडिया के एक सवाल के जवाब में यह कहा। निर्मला ने कहा, “प्रधानमंत्री की यह इच्छा कि पूर्व की तरफ देखो की नीति अब एक्ट ईस्ट नीति हो जाए, सच में मूर्त रूप ले रही है।”
उन्होंने कहा, “और गणतंत्र दिवस समारोह में आसियान के दस नेताओं की मौजूदगी के साथ भारत निश्चित रूप से एक्ट ईस्ट नीति का प्रदर्शन कर रहा है। और हमें खुशी है कि समारोह उन सबकी मौजूदगी के साथ होगा।” संघर्ष विराम उल्लंघनों के बारे में पूछे जाने पर रक्षा मंत्री ने कहा, “आज एनसीसी शिविर और गणतंत्र दिवस के बारे में बात करेंगे।”
दस आसियान देशों – थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और ब्रुनेई – के नेता इस बार 26 जनवरी को राजपथ पर होने वाली परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे। इससे पहले निर्मला ने कैंप में आयोजित एक समारोह में रक्षा मंत्री पदक और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए।
रक्षा मंत्री पदक उच्च स्तर की असाधारण सेवा एवं साहस के लिए हर साल सबसे योग्य कैडेट को प्रदान किया जाता है। उत्तर प्रदेश निदेशालय की कैडेट प्रिया को आज यह सम्मान दिया गया। रक्षा मंत्री ने कहा कि नेशनल कैडेट कोर अपनी स्थापना के बाद से देश के युवाओं में अनुशासन, विश्वास, सौहाई एवं साहस की भावना भरने के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देता आया है। उन्होंने कहा, “मैं शिवर में कैडेट के परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान दिखाए गए तमाम तरह के कौशल के उच्च स्तर से बेहद प्रभावित हूं।”
निर्मला ने कहा कि एनसीसी कैडेट ने राष्ट्रीय आपदाओं के दौरान और स्वच्छ भारत जैसे सरकारी कार्यक्रमों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभायी है। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार देश में एनसीसी का दायरा बढ़ाना चाहती है। इस बार के गणतंत्र दिवस शिविर में 29 राज्यों एवं सात केंद्र शासित क्षेत्रों के करीब 2,070 कैडेट हिस्सा ले रहे हैं जिनमें 703 लड़कियां हैं। शिविर 28 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली तक रहेगा।
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