भारतीय रेलवे दिल्ली-मुंबई हाई स्पीड कॉरिडोर के दोनों ओर दीवारें बनाकर विज्ञापन से कमाई करने पर विचार कर रहा है। यात्री किराए से कमाई बढ़ाने की गुंजाइश अब सीमित है। ऐसे में रेलवे वैकल्पिक तरीकों से अपनी आय बढ़ाने पर फोकस कर रहा है।
एक अधिकारी ने कहा कि दरअसल, दिल्ली मुंबई जैसे हाई स्पीड कॉरिडोर पर सेफ्टी के लिए यह बहुत जरूरी है कि दोनों सेफ्टी वाल बनाई जाए। इसलिए यह विचार किया जा रहा है कि इन दीवारों का इस्तेमाल रेवेन्यू जनरेशन के लिए किया जाए। चूंकि यह कॉरिडोर घनी आबादी वाले इलाकों के बीच से बनाया जाएगा, इसलिए विज्ञापन देने वालों को इसका अधिकतम एक्सपोजर मिलेगा।
आपको बता दे कि रेलवे बुलेट ट्रेन के किनारे होने वाली कमाई को उन ठेकेदारों के साथ भी शेयर करेगा, जो दीवारों पर विज्ञापन लगाएंगे। इससे दीवार बनाने पर भी कम खर्चा आएगा। रेलवे ने इस प्लान के लिए ऐसे ठेकेदारों से बातचीत भी शुरू कर दी है, जो कि दीवार का निर्माण भी करेंगे।
बुलेट ट्रेन जिन इलाकों से होकर के गुजरेगी, उनमें से ज्यादातर शहरी हैं। इन शहरी इलाकों में आबादी भी ज्यादा है, जिससे विज्ञापन लगाने का फायदा भी कंपनियों को मिलेगा। इस दीवार के बनने से ट्रैक भी काफी सुरक्षित रहेगा।
बता दे कि पिछले कुछ समय से रेलवे उन सभी संभावनाओं पर विचार कर रहा है, जिससे रेलवे को किराये के अलावा अतिरिक्त अमादनी हो सके। इसमें राइट-ऑफ-वे चार्ज, एडवरटाइजिंग, लैंड मॉनिटाइजेशन, कैटरिंग, पार्किंग आदि शामिल हैं।
यह दीवारें केवल आय के लिहाज से अहम नहीं होंगी, बल्कि पटरियों पर सुरक्षा बनाए रखने, अतिक्रमण से छुटकारा पाने, मवेशियों व अन्य व्यवधानों को भी कम करने में मददगार साबित होंगी।
वही ,स्टेशनों के आसपास की खाली पड़ी जमीनों को गोदाम के तौर पर इस्तेमाल के लिए रेलवे अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स कंपनियों को लीज पर देगी। इससे इन कंपनियों के सामान की आपूर्ति भी कम समय में हो सकेगी।
रेलवे स्टेशन पर पार्लर, मेडिकल स्टोर जैसी अन्य जन सुविधाएं विकसित करने की भी योजना पर काम कर रहा है। इसके अलावा स्टेशन के निकट होटल-रेस्तरां आदि की चेन के लिए प्रक्रिया तेज की गई है।
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