सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त की गईं वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा को आज सुबह भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा पद की शपथ दिलाएंगे। सीधे जज बननेवाली वो पहली महिला वकील हैं। मल्होत्रा का नाम उन दो लोगों में शामिल था जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी। हालांकि सरकार ने उनके साथ भेजे गए दूसरे नाम जस्टिस के एम जोसेफ़ को कॉलेजियम को वापस भेज दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के आज के कामकाज की सूची में इस बात का जिक्र है कि आज मल्होत्रा को पद की शपथ दिलाई जाएगी। इंदु मल्होत्रा को 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनाया गया था। अब वह देश की पहली ऐसी महिला वकील बन गयी हैं जो सीधे देश की शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त की गई हैं। वह भारत की आजादी के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त की जाने वाली सातवीं महिला हैं। इससे पहले सिर्फ छह महिलाओं की नियुक्ति शीर्ष अदालत में न्यायाधीश पद पर हुई है। इन महिला न्यायाधीशों को हाई कोर्ट से तरक्की देकर सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था।
अभी न्यायमूर्ति आर भानुमति शीर्ष न्यायालय में एकमात्र महिला न्यायाधीश हैं। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त करना उचित प्रतीत नहीं होता है क्योंकि अगर ऐसा किया जाता है तो उनसे वरिष्ठ और ज्यादा योग्य हाई कोर्ट के जजों के साथ यह अन्याय होगा। सुप्रीम कोर्ट के पांच वरिष्ठतम जजों के कोलेजियम ने 22 जनवरी को जस्टिस केएम जोसेफ और मल्होत्रा की नियुक्ति की सिफारिश की थी।
वैसे सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बनने का रिकॉर्ड एम फातिमा बीवी के नाम है, जो कि साल 1898 में देश की सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनी थीं, लेकिन महिला वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली इंदु मल्होत्रा पहली महिला जज हैं। इंदु मल्होत्रा का जन्म 1956 में बेंगलुरु में हुआ था, इनके पिता का नाम ओम प्रकाश मल्होत्रा है और वो भी सुप्रीम कोर्ट में वकील थे। इंदु के बड़े भाई और बड़ी बहन भी वकील हैं। इंदु की शुरुआती पढ़ाई कॉर्मल कॉन्वेंट स्कूल से की है, इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ग्रैजुएशन और फिर मास्टर डिग्री हासिल की है। साल 1983 से ये प्रैक्टिस में हैं।
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