पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दूरदराज गांवों, शहरों, कस्बों में सावन महाशिवरात्रि पर बड़ संख्या में कांवडिये और अन्य शिवभक्त कड़ी सुरक्षा के बीच शिवालयों में बम-बम भोले के जयकारों के साथ भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं।
धार्मिक विद्ववाना के अनुसार इस बार त्रयोदशी और चतुर्दशी के मिलन के चलते जलाभिषेक तड़के दो बजकर दस मिनट पर शुरू होकर गुरुवार रात 10.45 तक चलेगा।
अमरोहा में राष्ट्रीय राज मार्ग-09 और राज्य मार्ग-51 पर सावन महाशिवरात्रि की धूम है। तड़के से ही मंदिर और शिवालयों में बम-बम भोले के जयघोष के साथ शिवभक्त जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। सावन की महाशिवरात्रि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वर्षो उल्लास के साथ मनाई जा रही है।
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सावन की महाशिवरात्रि में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने का अपना विशेष महत्व है। मान्यताओं के मुताबिक हिन्दू धर्म में सावन माह सबसे पवित्र माना जाता है। इस महीने में शिव भक्त कांवड़यि भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए हरिद्वार से जल लाकर अपने-अपने क्षेत्र के शिवालयों में उनका जलाभिषेक करते हैं। जिससे भगवान शिव जलाभिषेक करने से प्रसन्न होते हैं। महाशिवरात्रि के दिन अगर भगवान शंकर के साथ उनकी पत्नी माता पार्वती की पूजा भी की जाए तो यह और भी अधिक फलदायी होता है।
सावन की महाशिवरात्रि को ध्यान में रखते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सुप्रसिद्ध तिगरीधाम बृजघाट के मंदिरों में विशेष तौर पर तैयारी बुधवार को ही पूरी कर ली गई थीं। गुरुवार तड़के से ही सभी शिव मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गये, ताकि सभी शिवभक्त अपने अराध्य भोलेनाथ की पूजा कर सकें। आज पूरे दिन सभी शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ का विशेष तौर पर जलाभिषेक कर उनका रुद्राभिषेक किया जाएगा।
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मान्यता है कि दो तिथियों के मिलन पर भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं। त्रयोदशी के समाप्त होने के बाद चतुर्दशी तिथि 10 अगस्त तक रहेगी, जिसमें बुधवार की आधी रात के बाद शुरु होने वाला जलाभिषेक अगले दिन यानि 10 अगस्त की शाम तक चलता रहेगा। इस प्रकार गुरुवार और शुक्रवार दोनों दिनों में भगवान भोलेनाथ के भक्त उनका जलाभिषेक कर सकते हैं। महाशिवरात्री के मौके पर जगह-जगह भंडारे चल रहे हैं। मंदिरों में शिव भक्तों का सैलाब उमड़ी है जिसको देखते हुए वहां सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किऐ गए हैं।
मुरादाबाद,बिजनौर, मंडी धनौरा, गजरौला, हसनपुर, अमरोहा, रामपुर संभल, हापुड़ गढमुक्तेश्वर, बृजघाट गंगा तिगरीधाम में तड़के सुबह से ही शिव भक्तों की शिवालयों में लंबी कतारें देखी जा रही हैं। सड़कों पर कावंडियों की भीड़ है तो मंदिरों में जलाभिषेक के लिए आए भक्तों की। यहां सुप्रसिद्ध पत्थरकुटी मंडी धनौरा स्थित शिव मंदिर में महाशिवरात्री के मौके पर तड़के से ही भक्तों ने अपने अराध्य भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे है।
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भारतीय जनता पार्टी नेता और कल्याण सिंह सरकार मे मंत्री रहे रामपुर निवासी शिवबहादुर सक्सेना हर साल श्रावण मास में रामपुर के ग्राम भमरौवा स्थित प्राचीन शिव मंदिर पर कांवड़ चढ़ते हैं। इस सिलसिले को जारी रखते हुए मंगलवार की देर शाम श्री सक्सेना जत्थे के साथ बृजघाट पहुंच गये थे। बुद्धवार शाम आरती के बाद कांवड़ लेकर पतित पावनी गंगा के बृजघाट घाट से गंतव्य की ओर चले गए।
दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित अमरोहा मार्ग के निकट जोया मे श्री बजरंग मंदिर सैकड़ वर्ष पुराना है। भारतीय पुरातत्व विभाग की टीम ने इस भव्य मंदिर का सर्वेक्षण किया था। करीब 250 वर्ष पुराने इस मंदिर की स्थापना बाबा धर्मदास द्वारा की गई थी।