जम्मू -कश्मीर के तंगधार सेक्टर में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों को बडी कामयाबी मिली हैं जिसमें सुरक्षाबलों ने 5 आतंकियों को मार गिराया हैं। ये आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। इस बात की भनक सुरक्षाबलों को लग गई और इसके बाद सुरक्षाबलों ने इनको ढेर कर घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी। हालांकि इलाके में और आतंकियों के होने की आशंका जताई जा रही है फिलहाल सुरक्षाबल पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जबकि एक दिन पहले ही सेना प्रमुख ने आतंकियों को चेतावनी भरे अंदाज में कहा था कि अगर वे घुसपैठ की कोशिश करते हैं तो उन्हें अंजाम भुगतना होगा।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बीते शुक्रवार (25 मई) को कहा था कि जम्मू कश्मीर में सेना की ओर से रोके गए अभियान की अवधि बढ़ाई जा सकती है, लेकिन आतंकवादियों की किसी भी हरकत पर इस पर तुरंत फिर से विचार करना होगा। रावत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अगर शांति बनाये रखना चाहता है तो उसे राज्य में आतंकियों को भेजना बंद करना चाहिए।
श्रीनगर से 95 किलोमीटर दूर पहलगाम में एक कार्यक्रम में जनरल रावत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर पाकिस्तान वाकई शांति चाहता है तो हम चाहते हैं कि वह सबसे पहले अपनी तरफ से आतंकवादियों की घुसपैठ कराना बंद करे। संघर्षविराम का उल्लंघन ज्यादातर घुसपैठ को मदद करने के लिए ही किया जाता है।’’
सेना प्रमुख ने कहा कि भारत सीमा पर शांति चाहता है, लेकिन पाकिस्तान ने लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है जिससे जान-माल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘जब ऐसी हरकत होती है तो हमें भी जवाब देना पड़ता है। हम चुप नहीं बैठक सकते। अगर संघर्षविराम का उल्लंघन होगा तो हमारी तरफ से कार्रवाई की जाएगी।’’ जनरल रावत ने कहा कि शांति के लिए जरूरी है कि सीमा पार से आतंकवाद का खात्मा हो। सेना प्रमुख ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियान रोकने की पहल का मकसद है कि लोगों को शांति का फायदा मिले।
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