जम्मू-कश्मीर में सरकार अलगाववादियों पर शिकंजा कसने जा रही है। आधिकारियों ने बताया कि यह एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन्वित कार्रवाई के जरिए किया जाएगा। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में इस पर चर्चा हुई है। इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के महानिदेशक योगेश चंदर मोदी, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक करनाल सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू किए जाने के कुछ दिन बाद ही हुई है। इसके बाद से राज्य में सक्रिय आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई भी काफी तेज हो गई है। आपको बता दें कि घाटी में कथित तौर पर टैरर फंडिंग के एक मामले में एनआई ने पहले ही दिल्ली कोर्ट में टेरर मास्टरमाइंड्स हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन समेत 10 कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
अंतिम रिपोर्ट में हुर्रियत लीडर सैयद शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह, गिलानी के निजी सहायक बशीर अहमद, आफताब अहमद शाह, नईम अहमद खान और फारूक अहमद डार आदि के नाम शामिल हैं। गौरतलब है कि ईडी जम्मू-कश्मीर में फेमा और पीएमएलए के तहत टैरर फाइनेंसिंग से जुड़े कम से कम एक दर्जन मामलों की जांच कर रही है।
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