स्वच्छ भारत अभियान और खुले में शौच से मुक्त देश से प्रभावित होकर जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में एक वृद्ध महिला ने 87 साल की आयु में कमाल कर दिखाया है। अपने कारनामे की वजह से यह महिला आस-पास के इलाके में रोल मॉडल बन गई है। बुजुर्ग महिला का नाम राक्खी है जो की अपने घर के पास खुद टॉइलट बनाने में जुट गई हैं। गांव को खुले में शौच से मुक्त बनाने की पहल का हिस्सा बनकर वह खुश हैं और कहती हैं कि हर किसी को इसका हिस्सा बनना चाहिए।
वह कहती हैं, ‘मैं खुश हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने घर के पास शौचालय बनाने के लिए आगे आ रहे हैं। सबको इसका हिस्सा बनना चाहिए।’अपनी उम्र को हौसले से पीछे छोड़ते हुए वह खुद ही ईंटों को जोड़ रही हैं। उनकी इस कोशिश को देखकर बाकी गांव वाले न सिर्फ उनकी तारीफ कर रहे हैं बल्कि प्रेरित भी हुए हैं। राक्खी ने कहा कि मैं बीते करीब एक दशक से खुले मैं शौच के लिए जा रही थी। मुझे इसके दुष्प्रभावों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
राक्खी कहती हैं, ‘मैं चाहती हूं कि हर व्यक्ति शौचालय का इस्तेमाल करे क्योंकि खुले में शौच से कई तरह की बीमारियां पैदा होती हैं। मैं गरीब हूं और शौचालय बनाने के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं, इसलिए मैंने किसी अन्य की मदद लेने की बजाय खुद ही शौचालय बनाने का फैसला लिया। मेरे बेटे ने शौचालय बनाने के लिए मसाला तैयार किया, इसके बाद मैंने खुद ही मिस्त्री के तौर पर काम करते हुए ईंटों को जोड़ा। 7 दिनों के भीतर हमारे घर में टॉइलट तैयार हो जाएगा।’
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