जम्मू कश्मीर के उरी के जोरावर इलाके में सुरक्षा बलों ने मंगलवार तड़के मुठभेड़ में एक आतंकी को मार गिराया। मारे गए आतंकी के पास से अत्याधुनिक हथियार बरामद हुए हैं। सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक करीब चार आतंकी और भी इस इलाके में छुपे हुए हैं। उन्होंने बताया कि आतंकी सीमापार से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद सुरक्षा बलों की उनपर नजर पड़ गई।सुरक्षा बलों ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया है। बाकी के तीन की तलाश जारी है।
सितंबर को जम्मू कश्मीर के बारामुला के पास उरी सेक्टर के एक गांव में सुरक्षा बलों ने चार आतंकियों को मार गिराया था। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया गया है और तलाशी अभियान चलाकर आतंकियों को मार गिराया। यह सेना और पुलिस का ज्वाइंट ऑपरेशन रहा। ये आतंकी शनिवार रात के अंधरे में सीमा पार से घुसपैठ की है। सुरक्षा बलों के नजर में आने के बाद आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई के बाद आतंकी गांव में घुस गए और वहीं से फायरिंग कर रहे हैं। आतंकी जिस गांव में छुपे हुए हैं वह नियंत्रण रेखा के करीब है।
मालूम हो कि एक दिन पहले ही भारत के सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए कहा था कि जरूरत पड़ने पर नियंत्रण रेखा के पार स्थित आतंकवादी शिविरों पर लक्षित हमले दोहराये जा सकते हैं। सेना प्रमुख रावत ने कहा कि सीमापार से घुसपैठ जारी रहेगी क्योंकि नियंत्रण रेखा के पार स्थित वे शिविर अभी भी सक्रिय हैं जहां से आतंकवादी भेजे जाते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि थल सेना उन्हें (आतंकवादियों) उनके कब्रों में भेजने के लिए तैयार हैं।
Will conduct #surgicalstrikes again if ‘#Pakistan‘ doesn’t mend its ways: Army Chief
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— ANI Digital (@ani_digital) September 25, 2017
रावत ने कहा, ‘लक्षित हमला एक संदेश था जो हम उन्हें देना चाहते थे और वे वह समझ गए हैं जो हमारा तात्पर्य था कि चीजें जरूरत पड़ने पर दोहरायी जा सकती हैं।’ उन्होंने यह बात पुस्तक ‘इंडियाज मोस्ट फीयरलेस’ के विमोचन के मौके पर कही। यह पुस्तक रक्षा मामले कवर करने वाले दो पत्रकारों शिव अरूर और राहुल सिंह ने लिखी है।
लक्षित हमले के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा, ‘इसने एक संदेश दिया कि: हम एक ताकतवर देश हैं और समय आने पर निर्णय करने में सक्षम हैं।’ पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) दलबीर सिंह ने भी इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे विदेश में भारत की छवि बेहतर हुई है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में किये गए लक्षित हमले के सबसे मुश्किल हिस्से के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि चिंता वाला हिस्सा, सैनिकों को सुरक्षित तरीके से निकालना था।