श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के तराल के जंगलों में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना के बाद आज सुबह सुरक्षा बलों ने जोरदार खोजी अभियान शुरू किया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया कि इस अभियान में जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान दस्ते (एसओजी) के जवानों के अलावा सेना के जवान भी शामिल हैं। जिस समय सुरक्षा बल जंगलों के भीतर प्रवेश कर रहे थे तो बीच बीच में गोलियां चलने की आवाजें भी सुनाई पड़ रही थी।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन जंगलों के भीतर स्थानीय आतंकवादी छिपे हुए हैं ताकि लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के विदेशी आतंकवादी दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों को निशाना बना सकें। सेना ने इन दिनों राज्य में आतंकवादियों के सफाए का विशेष अभियान छेड़ रखा है जिससें आतंकवादी काफी हताशा में हैं और आए दिन सुरक्षा बलों पर हमले की फिराक में रहते हैं। आतंकवादी इन दिनों मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी नहीं कर रहे हैं। इस वर्ष सुरक्षा बलों ने अब तक विभिन्न खोजी अभियानों में 55 आतंकवादियों को मार गिराया हैं जिनमें कई शीर्ष कमांडर भी हैं। इन अभियानों में 37 जवान शहीद हुए हैं और 44 नागरिकों भी मारे गए हैं।
श्रीनगर में निषेधाज्ञा लागू
कश्मीर घाटी में चोटी काटने की घटनाओं के खिलाफ अलगाववादी नेताओं के आज विरोध प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर हिंसा को रोकने के लिए शहर के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी। हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारुख का गढ़ माने जाने वाली घाटी की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के दरवाजे सुबह एक बार फिर से बंद कर दिये गये। मस्जिद पर भारी मात्रा में सुरक्षाबल के जवानों को तैनात किया गया है।
पुलिस ने कहा है कि एहतियातन शहर-ए-खास और पुराने इलाके के नौहट्टा, खानयार, रैनावाडी, एमआर गंज और सफा कदाल थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू की गयी है। एहतियात के तौर पर इसी तरह की पाबंदियां करालखुद, मैसुमा और सिविल लाइन क्षेत्र में भी लगायी गयी हैं। हुर्रियत के दोनों धड़ों, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट ने घाटी में चोटी कटने की घटनाओं के विरोध में जुमे की नमाज के बाद अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों से प्रदर्शन की अपील की है। घाटी में पिछले एक महीने में ऐसे तीन दर्जन से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं।
अलगाववादी नेताओं ने घाटी में चोटी काटने की घटनाओं के विरोध में आयोजित की जाने वाली 14 अक्टूबर की Þपोलो ग्राउंड चलोÞ रैली स्थगित कर दी। हालांकि श्रीनगर के ऊपरी क्षेत्र समेत घाटी के अन्य इलाकों में जनजीवन सामान्य बना हुआ है और लोग अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त रहे।
कश्मीर रेल निलंबित
जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में चोटी कटने की घटना को लेकर अलगावादियों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर कश्मीर घाटी में आज दोपहर एक बजे से रेल सेवा निलंबित कर दिया गया है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सुबह से घाटी में सभी रेलगाडिय़ां सामान्य रूप से तय समय से चल रही हैं। हालांकि प्रशासन की ओर से प्राप्त आदेश के अनुसार दोपहर एक बजे से सभी रेलगाड़यिों को निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि दोपहर बाद से मध्य कश्मीर से बारामुला में श्रीनगर-बडगाम की रेल लाइन पर कोई रेलगाडी नहीं चलेगी। इसी तरह जम्मू क्षेत्र में दक्षिण कश्मीर से बनिहाल में श्रीनगर-अनंतनाग-काजीगुंड रेल लाइन पर रेल सेवाएं निलंबित रहेगी। घाटी में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग रेल सेवा का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि बार बार यातायात जाम, लागत के कारण यह अन्य परिवहन सेवाओं के मुकाबले यह सुरक्षित, तेज और किफायती है। पूर्व में प्रदर्शन के दौरान रेलवे की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था। पिछले वर्ष, घाटी में ग्रीष्म काल में अशांति की वजह से ट्रेन सेवा छह महीने के लिए निलंबित रही थी।
कश्मीर में शैक्षणिक संस्थान लगातार दूसरे दिन बंद
कश्मीर घाटी में महिलाओं की चोटी कटने की घटनाओं के खिलाफ अलगाववादी नेताओं के प्रदर्शन के आह्वान के बाद घाटी के शिक्षण संस्थान आज लगातार दूसरे दिन बंद रहे। कश्मीर घाटी में चोटी काटने की घटनाओं के खिलाफ अलगाववादी नेताओं की विद्यार्थियों से अपने-अपने शिक्षण संस्थानों में प्रदर्शन की अपील की थी जिसके बाद प्रशासन ने कल एहतियातन सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश दिए थे।
कश्मीर के मंडलीय आयुक्त बसीर अहमद खान ने अपने नये आदेश में सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों को एहतियातन बंद रखने आदेश दिए हैं। एक निजी स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि कश्मीर घाटी के अधिकतर शिक्षण संस्थानों में कल से वार्षिक परीक्षा शुरू हो चुकी हैं। परीक्षाएं तय कार्यक्रम के अनुसार सोमवार से शुरू होनी थीं, लेकिन चोटी काटने की घटनाओं को लेकर अलगाववादी नेताओं के हड़ताल के आह्वान के कारण परीक्षाएं आयोजित नहीं हो सकी। कल और आज दो अन्य परीक्षाएं नहीं हो सकीं। इस बीच कश्मीर विश्वविद्यालय ने फिर से आदेश जारी कर सभी शिक्षण कार्यों को निलंबित कर दिया है, हालांकि सभी परीक्षाएं तय कार्यक्रम के अनुसार ही आयोजित होंगी।