मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली विश्वविद्यालय को एस्मा के दायरे में लाने की संभावना पर विचार करने वाली समिति को भंग करने का आदेश दिया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शिक्षकों के भारी विरोध के बाद श्री जावेड़कर ने यह कदम उठाया है।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दिल्ली विश्वविद्यालय कानून 1922 में संधोधन करके एस्मा कानून के दायरे में लाने की संभावना तलाशने पर विचार के लिए चार अक्टूबर को एक समिति गठित की थी जिसे एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी थी।
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डीयू की कार्यकारी परिषद के सदस्य ए के भागी ने शनिवार को श्री जावड़कर को पत्र लिखकर एस्मा लगाने के प्रयास का विरोध किया।
श्री भागी के अनुसार श्री जावड़ेकर ने इंन्द्र मोहन कपाही को भेजे ईमेल में जानकारी दी है कि उन्होंने यूजीसी के समिति को भंग करने का आदेश दे दिया है।
इस बीच एकेडमिक्स फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट ने एक विज्ञप्ति जारी करके सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और केन्द्रीय कर्मचारी सेवा नियमावाली को भी लागू न करने की मांग की है।